यूपी सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि राम मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में है, इसलिए जब तक अदालत कोई फैसला नहीं दे देती, तब तक इस पर संसद को भी कानून बनाने का अधिकार नहीं है.
मौर्य ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई बहस नहीं होनी चाहिए, सभी को कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में लोगों को धैर्य बनाए रखने की जरूरत है.
स्वामी प्रसाद मौर्य पहले बीएसपी में थे, लेकिन अब बीजेपी सरकार में मंत्री हैं.
आरएसएस और इस जैसे कई संगठन लगातर मांग कर रहे हैं कि सरकार को अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए कानून या अध्यादेश का रास्ता अपनाना चाहिए. ऐसे वक्त में स्वामी का यह बयान काफी मायने रखता है, जब कई तरफ से मंदिर निर्माण की आवाज उठ रही है.
हिंदूवादी संगठन राम मंदिर निर्माण को लेकर कानून बनाने के लिए मोदी सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं. मंदिर निर्माण को लेकर शिवसेना ने अयोध्या में धर्मसभा की थी, उसके बाद बीते दिनों विश्व हिंदू परिषद ने दिल्ली के रामलीला मैदान में विराट धर्म संसद का आयोजन किया गया था.
शिवसेना लगातार राम मंदिर के मुद्दे को लेकर बीजेपी पर निशाना साध रही है. अयोध्या में उद्धव ठाकरे ने कहा था कि अगर सरकार राम मंदिर नहीं बनाती है, तो वह दोबारा सत्ता में नहीं आएगी. रामलीला मैदान में वीएचपी ने कहा था कि सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए हर हाल में कानून बनाना चाहिए.
पिछले दिनों रामलीला मैदान में आरएसएस के नेता भैयाजी जोशी ने कहा था, ''हमारा किसी के साथ कोई संघर्ष नहीं है. हम सबके साथ मिलकर रहना चाहते हैं. राम राज्य में ही शांति होती है. जिन लोगों ने मंदिर बनाने का वादा किया था, आज वो सत्ता में हैं. अब वो लोग अपना वादा पूरा करें.''
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