सोपोर में आतंकियों ने सीआरपीएफ के पेट्रोलिंग दल पर हमला किया, इस हमले में एक जवान शहीद हुआ और एक सिविलियन की मौत हो गई. लेकिन जिस शख्स की क्रॉस फायरिंग में मौत हुई, उनके साथ एक 3 साल का बच्चा भी था. इस घटना का वीडियो और फोटो काफी वायरल हुए. अब इसे लेकर सीआरपीएफ की तरफ से एक बयान सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि कुछ लोगों ने इस घटना को लेकर सीआरपीएफ पर आरोप लगाए, जो बेबुनियाद हैं.
एडीजी सीआरपीएफ जुल्फिकार हसन ने इस घटना को लेकर मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. उन्होंने आगे कहा,
“जब आतंकियों ने फायरिंग की तो वो उस सड़क पर चल रहे थे जो काफी व्यस्त रहती है. इसके बाद आतंकियों की फायरिंग में उन्हें गोली लग गई और उनकी मौत हुई. कुछ लोग इस घटना को अलग एंगल देने की कोशिश कर रहे हैं और बता रहे हैं कि सीआरपीएफ ने उन्हें गाड़ी से निकालकर गोली मारी. ये बिल्कुल सच नहीं है.”एडीजी सीआरपीएफ जुल्फिकार हसन
मस्जिद से फायरिंग कर रहे थे आतंकी
एडीजी सीआरपीएफ ने कहा कि इस घटना को लेकर मैं खुद जिम्मेदारी लेकर कह सकता हूं कि बुजुर्ग शख्स की मौत आतंकियों की फायरिंग से हुई है. क्योंकि मैंने घटनास्थल का दौरा किया और आसपास के लोगों से बात भी की. सारे कैमरों की जांच और बाकी टेक्निकल जांच के बाद मैं ये कह सकता हूं कि जो कुछ भी कहा जा रहा है वो गलत है. उन्होंने कहा कि,
“हम लोगों से अपील करते हैं कि इस तरह की बातें न करें. उन्हें आतंकियों पर आरोप लगाना चाहिए, आतंकियों को कभी फर्क नहीं पड़ता है कि सामने बच्चा है या बुजुर्ग, वो सिर्फ मारने के लिए आते हैं.”एडीजी सीआरपीएफ जुल्फिकार हसन
इसके अलावा सीआरपीएफ की तरफ से ये भी बताया गया कि आतंकी लगातार मस्जिद से फायरिंग कर रहे थे. लेकिन धार्मिक स्थल को देखते हुए सीआरपीएफ ने हैवी वैपन्स का इस्तेमाल नहीं किया. जिससे मस्जिद को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा. इससे पहले पुलिस ने कश्मीर की मस्जिद कमेटियों से अपील करते हुए कहा था कि आतंकी लगातार इनका इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ऐसा करने से रोका जाना चाहिए.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)