लीबिया में आतंकवादी संगठन ISIS ने भारतीय डॉ.के.राममूर्ति को बंधक बना रखा था, लेकिन पिछले दिनों भारत ने उनको छुड़वा लिया है. आतंकियों के चंगुल से छुटने के बाद राममूर्ति ने अपनी आपबीती बताई और साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एनएसए और अन्य अधिकारियों को शुक्रिया भी कहा. उन्होंने कहा कि वह यह सब कभी नहीं भूल सकते हैं.
डॉ.राममूर्ति ने बताया कि ISIS के लोग उन्हें ऑपरेशन थियेटर में ले जाते थे और उनसे ऑपरेशन करने को कहते थे. हालांकी वह ऐसा करने से इनकार कर देते. उन्होंने कहा, "वे सोचते थे कि मैं एक डॉक्टर हूं और एक न एक दिन उनके काम आ जाऊंगा. इसलिए उन्होंने मुझे जिंदा रखा. शायद इसलिए मैं बच भी गया."
राममूर्ति ने बताया कि ISIS के आतंकी उन्हें वो वीडियो दिखाते थे जो उन्होंने सीरिया, नाईजीरिया और अन्य देशों में किया है. जिसे देखना उनके लिए काफी मुश्किल भरा होता था. उन्होंने बताया कि ISIS ने कभी उन्हें शरीरिक रूप से तो प्रताड़ित नहीं किया लेकिन उसे बहुत गालियां देते थे.
18 महीने पहले अगवा हुए थे डॉ राममूर्ति
डॉ राममूर्ति कोसानाम को करीब 18 महीने पहले लीबिया में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने बंधक बना लिया था. वह आंध्र प्रदेश में कृष्णा जिले के एक गांव के रहने वाले हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)