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Exclusive: एस्सार फोन टैपिंग से सामने आया बातचीत का पूरा ब्‍योरा

एस्सार फोन टैपिंग के खुलासे के बाद सामने आया गुप्‍त बातचीत का पूरा ब्‍योरा.

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एस्सार फोन टैपिंग के खुलासे ने बेशक पूरे देश को चौंका दिया है. लेकिन टेप किए गए फोन कॉल्स की रिकॉर्डिंग्स खुद में काफी विस्फोटक हैं.

द क्विंट को प्राप्त इन रिकॉर्डिंग्स में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के आला अधिकारी और कंपनी के सदस्य के बीच की गुप्त बातचीत से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रमोद महाजन के प्रमुख सचिव और कंपनी कर्मचारी के बीच की बातचीत शामिल है.

ये रिकॉर्डिंग्स बताती हैं कि कैसे देश का भविष्य तय करने वाले फैसलों पर कॉरपोरेट घरानों का प्रभाव होता है. इसके साथ ही कितने सहज अंदाज में सरकारी अधिकारी कंपनियों के हितों के बारे में सोचते हैं.

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पहली बातचीत: RIL के आला अधिकारी और इस कंपनी के कर्मचारी के बीच

इस बातचीत में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के आला अधिकारी अपने कर्मचारी से तत्कालीन वाजपेयी सरकार के केंद्रीय मंत्री के साथ हो रही डीलिंग के बारे में पूछताछ कर रहे हैं.

रिलायंस के आला अधिकारी: हैलो

रिलायंस कर्मचारी: सर, वो अजय सिंह का फोन आया था और सुनील मित्तल ने प्रमोद जी (प्रमोद महाजन) को फोन किया था और बताया कि वो रिलायंस के साथ इंटर-कनेक्टिविटी एग्रीमेंट करने की प्लानिंग कर रहे हैं. इस पर प्रमोद जी ने अजय सिंह से पूछा है कि इसमें कितनी सच्चाई है. इसलिए मैंने अजय सिंह को बता दिया है कि एक मीटिंग हुई थी. (अगले 2-3 सेकेंड्स की बातचीत अस्पष्ट है). अजय सिंह ने कहा है कि आप प्रमोद जी से बात करें और प्रमोद जी ने साफ कहा है कि आपको उनसे झगड़ा नहीं करना चाहिए, क्योंकि मैं आपके लिए बीएसएनएल और भारत सरकार की तरफ से लड़ रहा हूं, तो आप क्यों चिंता कर रहे हैं. तो मैंने कहा कि मैं प्रमोद जी से बात कर लेता हूं. मैं प्रमोद जी से अभी बात करके चेक कर लेता हूं और मैं उनसे कहूंगा कि बैठकर बात कर लीजिए और इंटर-कनेक्टिविटी एग्रीमेंट के लिए खुला प्रस्ताव दीजिए, क्योंकि हमने अब तक ऐसा कुछ भी नहीं किया है.

रिलायंस के आला अधिकारी: हां ठीक है.

रिलायंस कर्मचारी: इतना कह के रखूंगा मैं. और...मैं उनकी सलाह लूंगा कि वे हमसे क्या करवाना चाहते हैं. अगर वो हमें साइन नहीं करने को कहेंगे, तो हम साइन नहीं करेंगे. ये चेक करके बताता हूं आपको.

रिलायंस के आला अधिकारी: हां, हां चेक करके बता मुझे. अच्छा उसको साइन नहीं करना है, उसको बोलना कि सर अभी हम फिजिकल इंटर-कनेक्टिविटी कर लेंगे. हम ये वैसे भी चाहते हैं...इसमें हमें 1 महीना लगेगा (अगले 2-3 सेकेंड की बातचीतअस्पष्ट है)

दूसरी बातचीत: रिलायंस कर्मचारी और केंद्रीय मंत्री के प्रमुख सचिव के बीच

ये टेप की हुई बातचीत बताती है कि रिलायंस कर्मचारी ने किस तरह केंद्रीय मंत्री के प्रमुख सचिव से बात करते हुए सामान्य सरकारी प्रक्रिया को तोड़ा-मरोड़ा है.

प्रमुख सचिव: तो उसको आप, शंकर को नरेंद्र शर्मा (एमटीएनएल के तत्कालीन मुख्‍य प्रबंध निदेशक) पास सुबह भेज सकते हैं? मैंने शर्मा से बात कर ली है और उसको सेम फॉर्मेट में साइन करने को बोल दिया है.

रिलायंस कर्मचारी: जी सर.

प्रमुख सचिव: वो किसी भी प्वॉइंट पर कुछ नहीं कहेगा.

रिलायंस कर्मचारी: ओके जी.

प्रमुख सचिव: वो सुबह-सुबह फोन करके उनके पास पहुंचना है.

रिलायंस कर्मचारी: ओके, मैंने कह दिया है यहां सबको. यहां कोई किसी भी सेलुलर ऑपरेटर के साथ कोई एग्रीमेंट साइन नहीं करेगा. ठीक है?

प्रमुख सचिव: ठीक है...मैं इसे कल 1 बजे से पहले खत्म करना चाहता हूं.

रिलायंस कर्मचारी: सर ये 12 बजे तक हो जाएगा.

प्रमुख सचिव: हां, ठीक है. आप पहले ही पहुंचा देना उनको.

रिलायंस कर्मचारी: हां जी, सर पहुंचा दूंगा. और दूसरी बात ये कह रहा था कि सुनील भारती को आप एक चमत्कार दिखा दो.

प्रमुख सचिव: अभी तो उसका फिलहाल नेटवर्क बैन हुआ-हुआ है, बैन से मतलब एमटीएनएल और उसका इंटर-कनेक्टिविटी रुका हुआ है.

रिलायंस कर्मचारी: बराबर...

प्रमुख सचिव: हां, फिर वो तो एक दम टूटा हुआ है. मतलब वो तो हमें 50 फोन मार रहा है इस समय.

रिलायंस कर्मचारी: उसको ऐसा चमत्कार दिखा दो कि लाइन पर आ जाए

प्रमुख सचिव: न मैं लाइन पर आ रहा हूं, न नरेंद्र शर्मा लाइन पर आ रहा है और बॉस ने तो फोन लेने से ही मना कर दिया है.

रिलायंस कर्मचारी: नहीं वो बराबर है. लेकिन उसकी चड्डी पूरी उतारनी है.

प्रमुख सचिव: हां हां, हम तो उतार ही रहे हैं. अब वो ये कह रहा है कि हम तो देने को बिलकुल मूड में हैं ये इंटर-कनेक्शन. आप लोगों को थोड़ी न रोक सकते हैं हम...लेकिन हमसे तो ये कह रहा था कि बॉस को क्रेडिट मिल जाए इसका.

रिलायंस कर्मचारी:: हां, बहुत अच्छा.

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इस टेप हुई बातचीत की प्रामाणिकता को अब तक सिद्ध नहीं किया जा सका है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट वकील सुरेन उप्पल ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री कार्यालय इस मामले को देखने से इनकार करता है तो वे सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.

सुरेन उप्पल सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं, जिन्होंने 1 जून को 29 पन्नों के आरोप सौंपे हैं, जो 2001 से 2006 के बीच सरकार और कॉरपोरेट घरानों के बीच साठगांठ से संबधित हैं.

हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है. ये बयान उप्पल द्वारा रिलायंस को कॉशन नोटिस देने के तीन महीनों बाद आया है, जब ये रिकॉर्ड किए गए टेप मीडिया में लीक हो गए हैं.

(टेप की गई बातचीत के खुलासे की यह पहली किस्‍त है. द क्‍व‍िंट जल्‍द ही इसकी दूसरी किस्‍त लेकर आएगा.)

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