क्विंट ने दस्तावेज खंगाल डाले हैं कि रेल मंत्री पीयूष गोयल की पत्नी सीमा गोयल की कंपनी इंटरकॉन को 1.37 करोड़ रुपए का अनसिक्योर्ड लोन कैसे मिला, वो भी ऐसी कंपनी ने लोन दिया जो खुद नुकसान में चल रही थी.
इस खबर को अच्छे से समझने के लिए इस जानकारी पर ध्यान दें-
- रेल मंत्री पीयूष गोयल की पत्नी सीमा गोयल जिनकी कंपनी है इंटरकॉन
- पीयूष गोयल 2010 तक शिर्डी इंडस्ट्रीज के चेयरमैन थे.
- एसिस इंडस्ट्रीज शिरडी के प्रमोटर्स की एक दूसरी कंपनी, जिसने इंटरकॉन को लोन दिया था
न्यूज वेबसाइट द वायर पर 3 अप्रैल को छपी एक रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि लोन डिफाल्ट करने वाली मुंबई की एक कंपनी शिर्डी इंडस्ट्रीज का कनेक्शन रेल मंत्री पीयूष गोयल से है. खबर के मुताबिक इस कंपनी ने 650 करोड़ रुपए का डिफॉल्ट किया है. पीयूष गोयल 2010 तक इस कंपनी के चेयरमैन थे. उस दौरान ही इस कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचा और बाद में उन्होंने कंपनी छोड़ दी.
हालांकि पीयूष गोयल ने इस तरह के आरोपों से साफ इनकार किया है. गोयल का कहना है कि राजनीति से प्रेरित होकर इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं.
वायर की रिपोर्ट कहती है कि इंटरकॉन की वित्तीय वर्ष 2016 में दी गई आखिरी फाइलिंग में दिखाया गया था कि कंपनी पर Asis Industries का 1.59 करोड़ रुपये बकाया है. एसिस इंडस्ट्रीज शिरडी के प्रमोटर्स की एक अन्य कंपनी है. एसिस के गोयल की पत्नी को लोन देने के अलावा शिरडी के प्रमोटर्स का 4 करोड़ रुपये का प्रॉविडेंट फंड डिफॉल्ट भी है.
लेकिन क्विंट को कंपनी के आरओसी दस्तावेजों को बहुत सी अतिरिक्त जानकारी मिली है. वायर की रिपोर्ट में कुछ तथ्यों और दस्तावेजों का कोई उल्लेख नहीं है. क्विंट के मिले दस्तावेजों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2013-2014 में एसिस इंडस्ट्रीज ने 1,37,55,589 रुपये का अनसिक्योर्ड लोन दिया, जो 12 परसेंट साधारण ब्याज दर पर था. ये जानकारी गोयल की पत्नी की कंपनी की बैलेंस शीट के जरिए मिली है. इसी वित्त वर्ष में कंपनी को करीब एक करोड़ का घाटा हुआ था.
वित्त वर्ष 2014-15 में, गोयल की पत्नी की कंपनी इंटरकॉन एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड की बैलेंस शीट के मुताबिक एसिस इंडस्ट्रीज लिमिटेड पर 1,48,35,589 करोड़ रुपये देनदारी (1.48 करोड़ रुपये से अधिक) का जिक्र किया है. जिसमें 10,8000 का ब्याज भी शामिल है.
अब सवाल ये उठता है कि 12 फीसदी सालाना ब्याज पर एसिस इंडस्ट्रीज से लोन देने के बावजूद, सवाल है कि इंटरकॉन के एडवाइजर्स में 7.85% ब्याज का जिक्र क्यों किया गया. 2013-14 और 2014-15 के बीच बैलेंस शीट इंटरकॉन से एसिस को किए किसी भुगतान की जानकारी नहीं मिलती.
कहानी यही खत्म नहीं होती, जब हमने इंटरकॉन की वित्तीय वर्ष 2015-2016 की बैलैंस शीट चेक की तो पाया कि कंपनी ने फिर 10,80,000 (7.27%) का ब्याज एसिस इंडस्ट्रीज की 1,48,35,589 रुपये की बकाया राशि में जोड़ा, जो फिर से 12% की ब्याज दर से कम था.
वित्त वर्ष 2016-17 की बैलेंस शीट में गोयल की पत्नी की कंपनी इंटरकॉन ने उन कंपनियों के नामों का उल्लेख नहीं किया, जिनसे उन्हें अनसिक्योर्ड लोन मिला है. इसमें सिर्फ ये लिखा है कि इंटरकॉन को 3,17,32, 499 करोड़ रुपये का लोन किसी कंपनी से मिला है.
आखिर क्यों गोयल की पत्नी वित्त वर्ष 2016-17 की बैलेंस शीट में उन कंपनियों का नाम नहीं बताना चाहती हैं, जिससे उन्हें अनसिक्योर्ड लोन मिला है. हमने अपने इस आर्टिकल में उठाए गए सवालों का जवाब जानने के लिए केंद्रीय मंत्री को पहले ही लिखा है. अगर हमें उनका जवाब मिल गया तो हम स्टोरी को अपडेट करेंगे.
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गोयल ने आरोपों को झुठलाया, कांग्रेस पर किया पलटवार
दूसरी ओर, केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल ने अपने खिलाफ कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए उस पर पलटवार किया. उन्होंने इसे कांग्रेस की ‘थूक कर भाग जाने वाली राजनीति' करार दिया, जिसका मकसद आम आदमी से जुड़े मुद्दों से ध्यान भटकाना है.
बीजेपी की ओर से जारी एक बयान में गोयल ने कहा कि उनके पक्ष की ओर से पक्के तौर पर कोई गलत काम या अनियमितता नहीं हुई है. उन्होंने सभी लेन-देन के ब्योरों को सामने रखा, जिसे लेकर कांग्रेस उन पर आरोप लगा रही है.
पीयूष गोयल ने कहा, ''ये कांग्रेस पार्टी का दुर्भावनापूर्ण बयान है. वह तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है और गलत नतीजे पैदा कर रही है. उसके बयान झूठे और मानहानि करने वाले बयान हैं.
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