मई का महीना देश के लिहाज से काफी अहम है. देशभर में 1 मई से कई नए नियम लागू होंगे. वीआईपी कल्चर को खत्म करने और मनमानी करने वाले बिल्डरों पर लगाम कसने के लिए नए नियम प्रभावी होंगे. इन नियमों को आपकी जिंदगी पर कैसे होगा असर एक नजर डालते हैं.
वीआईपी कल्चर वाली 'लाल बत्ती' पर रोक
1 मई से देश का कोई भी शख्स अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा. इस नियम की सख्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.
बता दें कि 19 अप्रैल को केंद्रीय कैबिनेट ने वीवीआईपी कल्चर के खिलाफ एक बड़ा फैसला लेते हुए लालबत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. हालांकि, इमरजेंसी सेवाओं जैसे एंबुलेंस और फायर सर्विस के लिए लाल बत्ती के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगी है.
रियल एस्टेट एक्ट होगा लागू
1 मई से रियल एस्टेट रेग्युलेटर एक्ट (RERA) पूरे देश में प्रभावी हो जाएगा. माना जा रहा है कि इस एक्ट के आने के बाद मनमानी करने वाले बिल्डरों पर लगाम लगाई जा सकेगी. इस कानून के तहत हर प्रदेश में रेगुलेटरी अथॉरिटी बनेगी और डेवेलपर्स को अपने प्रोजेक्ट्स इसके साथ रजिस्टर्ड करने होंगे. साथ ही प्रोजेक्ट से जुड़ी सभी मंजूरिया रेगुलेटर को देनी होंगी.
डेवेलपर्स को प्रोजेक्ट से जुड़ी हर जानकारी वेबसाइट पर डालनी होगी, और प्रोजेक्ट के लिए अलग से बैंक अकाउंट भी बनाना होगा, इस अकाउंट में 70 फीसदी पैसे रखे जाएंगे. किसी भी शिकायत को कस्टमर सीधा रेगुलेटर के पास ले जा सकेंगे. 60 दिनों में शिकायतों पर फैसला करना होगा. मतलब साफ है कि कस्टमर्स को इस एक्ट से फायदा होने वाला है.
पेट्रोल-डीजल की हर रोज बदलेंगी कीमतें
1 मई से देश के 5 शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हर रोज बदलाव होंगे.
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश के विजाग, राजस्थान के उदयपुर, झारखंड के जमशेदपुर और चंडीगढ़ में शुरू किया जाएगा.
प्रोजेक्ट सफल होने के बाद इसे देशभर में लागू किया जाएगा. बता दें कि इस प्रोजेक्ट के तहत पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कीमतों में सिंक होंगी, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय मार्केट के हिसाब से पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें तय की जा सकेंगी. ये प्रयोग इसलिए किया जा रहे है कि इंटरनेशनल मार्केट में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत गिरने के बाद उसका फायदा फौरन कस्टमर तक पहुंचाया जा सके.
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