भारतीय रेल में 60 साल के पुरुषों और 58 साल की महिलाओं को सीनियर सिटिजन माना जाता है. सीनियर सिटिजन की श्रेणी में आने वाले पुरुषों को रेल किराए में 40 फीसदी और औरतों को 50 फीसदी की छूट मिलती है. लेकिन अब यह छूट उन्हें तब मिलेगी जब उनके पास आधार कार्ड होगा.
रेलवे ने अपने नए नियम में 1 अप्रैल, 2017 से सीनियर सिटिजन के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करने का फैसला किया है. अगर सीनियर सिटिजन बिना आधार कार्ड नंबर के रेल टिकट बुक कराते हैं, तो उन्हें टिकट पर सीनियर सिटिजन को मिलने वाली छूट नहीं मिलेगी और उन्हें टिकट का पूरा पैसा देना होगा. यह नियम ऑनलाइन टिकट बुकिंग और काउंटर से बुकिंग दोनों में ही अनिवार्य होगा.
क्या है पूरा प्लान?
रेलवे ने यह ऐलान किया है कि रेलव टिकट लेने पर अभी से आधार कार्ड नंबर लेना शुरू कर देगी, लेकिन फिलहाल ये अनिवार्य नहीं होगा. टिकट लेने के समय में आधार कार्ड का वेरीफिकेशन कराना होगा, जिसके बाद आधार नंबर सिस्टम में फीड हो जाएगा और फिर आगे जब भी टिकट लेंगे तो सिस्टम में पहले से मौजूद आधार कार्ड डिटेल को देख कर छूट दी जाएगी.
ऐसा करने से ऑनलाइन फॉर्म भरने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा. आधार कार्ड का वेरीफिकेशन दिसंबर 2016 से ही शुरू हो जाएगा. लेकिन यह पूरी तरह 1 अप्रैल को लागू होगा.
कालाबाजारी पर रोक लगाने की तैयारी
रेल टिकट को आधार कार्ड से जोड़ने के बाद रेल टिकट खरीदने में जो धांधली होती है, उस पर शिकंजा कसा जा सकेगा और रेल टिकटों की दलाली कम हो जाएगी. दलालों के लिए किसी भी नाम से टिकट बुक करके बेचना आसान नहीं रहेगा.
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