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Qलखनऊःआंधी को लेकर अलर्ट जारी,पूर्व CM को नहीं मिलेगा सरकारी बंगला

पढ़िए उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें Q लखनऊ में

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दिल्ली-एनसीआर में तूफान ने दी दस्तक, मेरठ समेत कई जिलों में स्कूलों की छुट्टी

दिल्ली-एनसीआर में आंधी तूफान ने दस्तक दे दी है. उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में सोमवार देर रात हल्की बूंदाबांदी के साथ धूल भरी तेज आंधी चली. तूफान के कारण कई इलाकों में बत्ती गुल हो गई. यूपी के गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ के कई हिस्सों में बिजली व्यवस्था प्रभावित हो गई. आंधी-तूफान को देखते हुए सरकार ने यूपी के गाजियाबाद, मेरठ और फिरोजाबाद के स्कूलों में छुट्टी के आदेश दे दिए हैं. साथ ही अलर्ट जारी कर दिया है.

कई इलाकों में इंटरनेट सेवा पर भी इसका असर देखने को मिला. मौसम विभाग के मुताबिक, अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली.

इसके अलावा आगरा, मुरादाबाद और अमरोहा में 12वीं तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे. मथुरा, एटा, कासगंज, हाथरस के जिलाधिकारियों ने कक्षा आठ तक (सभी बोर्ड) के बच्चों के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है.

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समाजवादी पार्टी ने नूरपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए उतारा कैंडिडेट

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नूरपुर विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में नईमुल हसन को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि कैराना लोकसभा उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकदल की उम्मीदवार तबस्सुम हसन को समाजवादी पार्टी ने समर्थन देना तय किया है. गौरतलब है कि आरएलडी के टिकट पर एसपी की मदद से कैराना लोकसभा उपचुनाव लड़ने जा रहीं तबस्सुम बेगम कल एसपी से ही आरएलडी में शामिल हो गईं थी.

कैराना लोकसभा सीट बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद और नूरपुर विधानसभा सीट लोकेंद्र सिंह के निधन के बाद खाली हुई थी. कैराना और नूरपूर सीटों पर 28 मई को उप चुनाव होना है और 31 मई को वोटिंग होगी.

सोर्स- भाषा

UP के पूर्व मुख्यमंत्रियों को खाली करना होगा सरकारी बंगला

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अब अपने पद से हटने के बाद सरकारी बंगलों में नहीं रह सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस कानून को रद्द कर दिया है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को ताउम्र सरकारी बंगला देने का प्रावधान दिया गया था. नया कानून पारित करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश का कोई भी पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी बंगले में रहने का हकदार नहीं है.

अपने आदेश में कोर्ट ने साफ किया,

अपने पद से हटने वाला व्यक्ति आम आदमी के बराबर हो जाता है. ऐसे में पद से हटने के बाद एक मुख्यमंत्री भी आम नागरिक ही है. हालांकि, अपने पद की वजह से वह सुरक्षा और दूसरे प्रोटोकाॅल प्राप्त करने के हकदार हैं.

जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस आर भानुमति की बेंच ने सरकारी बंगले में रहने की अनुमति देने के लिये कानून में किए गए संशोधन को रद्द कर दिया. बेंच ने कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी सरकारी बंगले जैसी सार्वजनिक संपत्ति पर निरंतर कब्जा करके नहीं रह सकता क्योंकि यह देश की जनता की संपत्ति है.

सोर्स- भाषा

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प्रशासन में 50% संख्या दलितों और पिछड़ों की होनी चाहिये: अनुप्रिया पटेल

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मांग की है कि प्रशासन में 50 फीसदी संख्या अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े वर्ग की होनी चाहिये. सिद्धार्थनगर जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुये पटेल ने कहा,

बाबा साहेब ने हमें समाज में समानता का रास्ता दिखाया है और समाज में समानता के लिये हमारी मांग है कि विभिन्न पुलिस थानो में थानाध्यक्ष या तो अनुसूचित जाति जनजाति के हों या फिर पिछड़े वर्ग से. इसी तरह हर जिले में जिलाधिकारी या पुलिस अधीक्षक में से एक एससी एसटी या ओबीसी वर्ग से हो.

उन्होंने कहा कि पार्टी के संस्थापक सोनेलाल पटेल का सपना था कि दलित और पिछड़े वर्ग को मजबूत बनाया जाए. हमें उनके सपने को प्रदेश में पूरा करने के लिये एक अभियान चलाना चाहिये. उन्होंने कहा कि हमारा समर्थन एनडीए को है और यह जारी रहेगा.

सोर्स- भाषा

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पत्नी के शव को कंधे पर लेकर गाड़ी के लिए भटकता रहा पति

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में इंसानियत एक बार फिर शर्मसार हुई. बदायूं के मूसा झाग के रहने वाले एक शख्स की पत्नी की जिला अस्पताल में मौत हो गई. पति के पास शव को घर तक ले जाने के लिए पैसे नहीं थे. साथ ही उसे सरकारी एम्बुलेंस भी नहीं मिल सकी.

इसके बाद थक-हार कर वह कंधे पर ही अपनी पत्नी का शव लेकर चल दिया. शहर के अम्बेडकर चौराहे के पास लोगों ने चंदा करने के बाद एक ऑटो से उसकी पत्नी के शव को उसके गांव तक भिजवाया.

सोर्स- IANS

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