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Qलखनऊः हापुड़ लिंचिंग केस पर SC सख्त, अखिलेश ने BJP को दी नसीहत

पढ़िए उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें Q लखनऊ में

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भारत
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हापुड लिंचिंग केस: UP सरकार को नोटिस जारी

सुप्रीम कोर्ट ने हापुड़ लिंचिंग केस में राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को मामले की जांच कर दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. इस मामले में एक शख्स की मौत हो गई थी. कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा और मेरठ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) को घटना की जांच करके दो सप्ताह में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा.

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने इस हमले में जख्मी हुये समीउद्दीन के आरोपों को ‘गंभीर' बताया. कोर्ट ने आईजीपी को निर्देश दिया कि वह घटना के संबंध में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पीड़ित का बयान दर्ज किये जाने की व्यवस्था करें. इस घटना में 45 वर्षीय कासिम कुरैशी की बीते 18 जून को हापुड़ में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी.

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BJP भूल जाए यूपी में ‘73 प्लस' का मंसूबा: अखिलेश

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के लोकसभा चुनाव में 80 में से ‘73 से ज्यादा’ सीटें जीतने के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. अखिलेश ने अमित शाह के दावे पर तंज कसते हुए कहा कि महागठबंधन की तैयारी मात्र से घबराये भगवा दल को यह मंसूबा भूल जाना चाहिये.

अखिलेश ने मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण के मौके पर कहा कि समाजवादी लोग लोकसभा चुनाव के लिये तैयार हैं और वह अपनी रणनीति अभी नहीं बताएंगे. उन्होंने बीजेपी को नसीहत देते हुए कहा वे कहते हैं कि 73 से ज्यादा सीटें जीतेंगे लेकिन उन्हें यह भूल जाना चाहिए और बात ‘70 प्लस’ की करनी चाहिए क्योंकि उपचुनाव में तीन सीटें तो वह हार ही चुके हैं. महागठबंधन के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा ‘‘इस महागठबंधन के बारे में मीडिया में चर्चाएं जोरों पर है तो महागठबंधन होना लगभग तय है. जहां तक यूपी की बात है, तो गठबंधन यहां भी होगा.'

बता दें, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने हाल में चंदौली में आयोजित रैली में कहा था कि बीजेपी अगले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से 73 से भी ज्यादा सीटें जीतेगी. यह आंकड़ा 73 से कम कतई नहीं होगा.

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देवरिया कांड में हाईकोर्ट ने पुलिस को लगायी फटकार

देवरिया गर्ल्स शेल्टर होम मामले में एसआईटी की रिपोर्ट और पुलिस की विवेचना के तरीकों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तल्ख सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि पुलिस के विवेचक ने न तो शेल्टर होम के पड़ोसियों के बयान लिए, न ही यह जानने का प्रयास किया कि लड़कियों को कहां, किस वीआईपी के पास भेजा जाता था. कोर्ट ने उन कारों के बारे में भी पता न लगाए जाने पर सख्त नाराजगी जताई, जिससे लड़कियों को भेजा जाता था.

याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने पुलिस को शेल्टर होम के स्टाफ, पड़ोसियों और लड़कियों को लाने-ले जाने वाली कारों के ड्राइवरों का पता न लगा पाने, उनका बयान दर्ज न करने पर विवेचना के तरीके पर सवाल उठाए. कोर्ट ने पूछा कि ह्विसिल ब्लोअर लड़कियां कहां हैं? कोर्ट ने प्रदेश सरकार की ओर से पेश एसआईटी रिपोर्ट पर असंतोष जताया है. मामले की सुनवाई 20 अगस्त को होगी.

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‘ईज ऑफ लिविंग’ में कानपुर 75वें स्थान पर, बाकी शहरों की रही ये स्थिति

केंद्रीय शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी की गई ‘ईज ऑफ लिविंग’ इंडेक्स की लिस्ट में कानपुर महानगर को 75वां स्थान मिला है. सबसे हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि इस लिस्ट में देशभर के कुल 111 शहरों को शामिल किया गया ,जिसमें पुणे पहले, दिल्ली 65वें और झांसी 34वें स्थान पर आया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी स्वच्छ सर्वेक्षण सूची में 33 वें स्थान पर है और उत्तर प्रदेश में शीर्ष पर रखा गया है. रैंक 34 के साथ, झांसी राज्य में दूसरे स्थान पर आता है.

सर्वे में कुल 111 शहरों की लिस्ट में उत्तर प्रदेश के 14 शहरों के नाम हैं. लिस्ट को केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को जारी किया. लिस्ट में तिरुपति चौथे, चंडीगढ़ पांचवे, ठाणे छठे, रायपुर सातवें, इंदौर आठवें, विजयवाड़ा नौवें और भोपाल दसवें स्थान पर रहा. चेन्नई को 14 वें स्थान पर रखा गया है, जबकि कोलकाता ने सर्वेक्षण में भाग नहीं लिया था. अहमदाबाद को 23 वें स्थान पर और हैदराबाद 27 वें स्थान पर रखा गया.

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संविधान विरोधियों पर केस चले: फुले

भारतीय जनता पार्टी की सांसद सावित्री बाई फुले ने कहा है कि दिल्ली में जंतर मंतर पर भारतीय संविधान की प्रतियां जलाने वालों और डा.भीमराव अम्बेडकर के प्रति अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए और उनकी नागरिकता समाप्त करनी चाहिए.

बीजेपी सांसद ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निरोधक एक्ट को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए, जिससे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति एक्ट में किसी प्रकार से कोई दखल न दे सके. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान का अपमान रोकने के लिए संसद से कड़े कानून बनाना होगा.

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