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Qलखनऊः कासगंज केस में आरोपी का सरेंडर,कानून व्यवस्था से गर्वनर खुश

पढ़िए- उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें

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कासगंजः चंदन मर्डर केस में एक आरोपी ने किया सरेंडर

गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा यात्रा के दौरान हुई चंदन गुप्ता की हत्या के मामले के एक आरोपी ने गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया. पुलिस अधीक्षक पीयूष श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी आसिफ ने एक स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. अब पुलिस उसे रिमांड पर लेने का प्रयास कर आगे की पूछताछ करेगी. श्रीवास्तव ने बताया कि आसिफ चंदन की हत्या के बाद से ही अपने घर से फरार था.

पुलिस उसकी तलाश में संभावित जगहों पर लगातार छापेमारी कर रही थी. बता दें कि कासगंज में 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा में फायरिंग से चन्दन की मौत हो गयी थी. चंदन हत्या मामले के दो आरोपियों को पुलिस ने गुरुवार को पकड़ा था. श्रीवास्तव ने बताया कि चंदन हत्या मामले के दो आरोपी वसीम और नसीम को गुरुवार को दो तमंचों और कुछ कारतूस सहित गिरफ्तार किया गया है. ये दोनों मुख्य आरोपी सलीम के सगे भाई हैं.

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जिन्हें बंदूक की नोक पर विश्वास, उन्हें बंदूक की भाषा में ही मिलना चाहिए जवाब: योगी

आपराधिक तत्वों को कड़ी चेतावनी देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो लोग समाज का माहौल बिगाड़ना चाहते हैं और जिन्हें बंदूक की नोक पर विश्वास है, उन्हें बंदूक की भाषा में ही जवाब दिया जाना चाहिए.

योगी ने कहा, ''सुरक्षा की गारंटी हर व्यक्ति को मिलनी चाहिए लेकिन जो लोग समाज का माहौल बिगाड़ना चाहते हैं, जिन लोगों को बंदूक की नोक पर विश्वास है, उन्हें बंदूक की भाषा में ही जवाब भी दिया जाना चाहिए. मैं प्रशासन से कहूंगा कि इसमें घबराने की आवश्यकता नहीं है.'' उन्होंने सपा पर हमला करते हुए कहा, ''लाल टोपी पहनकर किसी को भी अराजकता फैलाने की छूट नहीं दी जा सकती है. संसदीय मर्यादा तार तार करने की छूट नहीं दी जा सकती... मैं सलाह दूंगा कि समय रहते सुधरें नहीं तो प्रदेश की जनता उन्हें सुधार ही रही है.''

लखनऊ में टेंट कारोबारी की गोली मारकर हत्या

राजधानी लखनऊ के वृंदावन इलाके में गुरुवार को टेंट कारोबारी राजकुमार यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, थाना आलमबाग के मवैया निवासी राजकुमार यादव (35) की वृंदावन के सेक्‍टर तीन में बहार टेंट हाउस नाम से दुकान है. पुलिस के अनुसार राजकुमार गुरुवार सुबह अपनी स्कॉर्पियो कार से दुकान के लिए निकले थे, वह मजदूरों को पैसा बांटने जा रहे थे. दोपहर करीब 12 बजे के आसपास वृदांवन के मामा चौराहे के पास अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें गोली मार दी.

पुलिस के मुताबिक, राजकुमार का शव गाड़ी में मिला, गाड़ी से राजकुमार का लैपटॉप, सोने की चेन, मोबाइल और पर्स के साथ खाली कारतूस बरामद हुआ है. हत्या की सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर टीम के साथ पहुंचे और मौके का जायजा लिया. राजकुमार के घर वालों ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की तहरीर दी है. पुलिस जांच पड़ताल में जुटी गई है. हालात देखकर किसी करीबी के हत्या में शामिल होने की आशंका जताई जा रही है.

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यूपी में कानून व्यवस्था की स्थिति में उल्लेखनीय सुधारः नाईक

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने गुरुवार को कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. नाईक ने विधानमंडल की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ''सरकार द्वारा प्रदेश में अपराध मुक्त, भयमुक्त और अन्यायमुक्त वातावरण का सृजन करते हुए कानून का राज स्थापित किया गया है. प्रदेश में कानून व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.''

उन्होंने कहा, ''विभिन्न आपराधिक एवं माफिया तत्वों के विरूद्ध विधि सम्मत प्रभावी कार्रवाई की जा रही है.'' राज्यपाल ने कहा कि सरकार प्रदेश में गुंडों, माफियाओं और अराजक तत्वों को प्रभावी ढंग से न्यायिक प्रक्रिया के दायरे में लाकर कानून का राज स्थापित करने के लिए कृत संकल्पित है.

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गठबंधन की संभावनाओं को बीएसपी ने फिर दी हवा

अपने राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे को बरकरार रखने के लिए हर संभव कोशिशों में जुटी बहुजन समाज पार्टी के लिए कर्नाटक में जद (एस) से गठबंधन मजबूरी हो सकती है लेकिन, इस फैसले ने प्रदेश में भी ऐसी संभावनाओं को हवा दे दी है. साल 2007 के बाद बीएसपी के वोटों का ग्राफ प्रदेश में लगातार गिरा है और यह पार्टी के लिए चिंता का विषय है. इसलिए अगर चुनाव से पहले बीएसपी चीफ किसी से भी गठबंधन न करने के अपने फैसले के प्रति नरम नजर आए, तो कोई अचरज की बात नहीं होगी. पार्टी नेताओं में भी कर्नाटक में गठबंधन को लेकर चर्चाएं हैं.

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और वहां की स्थितियों के हिसाब से बीएसपी ने दूर की कौड़ी फेंकी है. वहां जिन बीस सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ने जा रही है, उनमें आठ सुरक्षित सीटें हैं. कर्नाटक में दलितों की संख्या भी काफी है. अगर इस गठबंधन के परिणाम अच्छे निकले और बीएसपी को कुछ सीटें हासिल करने में भी सफलता मिली, तो इसका संदेश दूर तक जाएगा. प्रदेश में दलित मतों को एक जुट करने में यह संदेश सहायक साबित होगा. इसके बाद पार्टी अपनी रणनीति में परिवर्तन की जरूरत महसूस कर सकती है.

स्रोतः दैनिक जागरण

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