दिल्ली राज्य अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष डॉ. जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ देशद्रोह और आमजन की भावनाएं भड़काने का मुकदमा दर्ज हुआ है. मामला दिल्ली के वसंतकुंज इलाके में रहने वाले एक शख्स की शिकायत पर स्पेशल सेल थाने में दर्ज हुआ है.
जफरुल इस्लाम खान ने मांग ली थी माफी
आपत्तिजनक पोस्ट करने के कुछ समय बाद ही डॉ. जफरुल ने अपने विवादित और भड़काऊ बयान के सोशल मीडिया से हटा दिया था. साथ ही एक मई को उन्होंने इसके लिए माफी भी मांग ली थी.
क्या है मामला?
एफआईआर के मुताबिक, मामले में शिकायतकर्ता कौशल कांत मिश्रा, सेक्टर ए, वसंतकुंज नार्थ में रहते हैं. मिश्रा ने सफदरजंग थाना पुलिस को शिकायत दी थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि, 28 अप्रैल 2020 को दिल्ली राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डॉ. जफरुल इस्लाम खान ने एक भड़काउ पोस्ट फेसबुक और ट्विटर हैंडल पर डाली थी. जिससे समाज में वैमनस्यता फैल सकती थी. मामला गंभीर देखकर एसीपी सफदरजंग ने शिकायत दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल थाने को भेज दी.
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल थाने ने डॉ. जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ इसी शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर दिया. यह केस आईपीसी की धारा 124ए, 153ए के तहत दर्ज किया गया है. इस मामले की जांच स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर प्रवीन कुमार को सौंपी गयी है.
बता दें कि, डॉ. जफरुल इस्लाम खान ने 28 मार्च को सोशल मीडिया के जरिये तमाम आपत्तिजनक बयान दिये थे. उनके इन बयानों पर देश में एक बहस सी छिड़ गयी थी. तमाम लोगों ने इन बयानों को भड़काऊ और समाज में अशांति फैलाने वाला करार दिया था.
डॉ. जफरुल ने सफाई में क्या कहा?
अब डॉ. जफरुल इस्लाम खान की तरफ से सफाई भी आई है. उन्होंने कहा है कि, 28 अप्रैल 2020 को मैंने जो ट्वीट किया था, उसमें मैंने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के संदर्भ में भारतीय मुसलमानों के उत्पीड़न पर कुवैत ने जो ध्यान दिया था, उसके लिए कुवैत को शुक्रिया कहा था. कुछ लोगों को इससे दुख हुआ जो मेरा मकसद नहीं था.
मैंने महसूस किया कि मेरा ट्वीट गलत समय में था, देश मेडिकल इमरजेंसी से गुजर रहा है ऐसे समय में ट्वीट असंवेदनशील था, जिसकी भावनाएं आहत हुईं हैं उनसे मैं माफी मांगता हूं.
उन्होंने आगे लिखा है कि वो कुछ मीडिया हाउस को नोटिस दे चुके हैं जिन्होंने उनके ट्वीट को गलत संदर्भ में पेश किया और उन चीजों के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जो मैंने कभी नहीं कहा.
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