- त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद हिंसा
- कई जिलों में तोड़फोड़ और आगजनी
- प्रदर्शनकारियों ने गिराई व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति
- लेफ्ट दलों ने हिंसा के लिए बीजेपी को ठहराया जिम्मेदार
त्रिपुरा में विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद हिंसा का दौर जारी है. साउथ त्रिपुरा के बेलोनिया टाउन में कॉलेज स्क्वायर पर लगी रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को बुलडोजर से ढहा दिया गया.
लेफ्ट दलों ने बीजेपी पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है. इस दौरान ये लोग ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगा रहे हैं.
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इस घटना के दौरान जेसीबी मशीन चलाने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. हालांकि बाद में उसे जमानत भी मिल गई.
त्रिपुरा में हिंसा की खबरों के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के राज्यपाल और डीजीपी से बात की और नई सरकार के कामकाज संभालने तक राज्य में शांति सुनिश्चित करने को कहा.
इधर, विपक्षी दल सीपीआई(एम) ने आरोप लगाया है कि चुनाव जीतने के बाद बीजेपी के कार्यकर्ता हिंसा पर उतर आए हैं.
बीजेपी समर्थकों पर सीपीआई(एम) के दफ्तर में तोड़फोड़ का आरोप भी है. राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आगजनी और हिंसा की भी खबरें हैं.
सीपीआई(एम) ने आरोप लगाया है कि दफ्तरों के साथ-साथ कार्यकर्ताओं के घरों को भी निशाना बनाया जा रहा है. गाड़ियों में भी तोड़फोड़ और आगजनी की खबरें हैं.
सीपीएम ने लेनिन की मूर्ति तोड़ने की घटना पर दुख नाराजगी जताते हुए ट्विटर पर लिखा,
त्रिपुरा में चुनाव जीतने के बाद हुई हिंसा प्रधानमंत्री के लोकतंत्र पर भरोसे के दावों का मजाक उड़ाती है. त्रिपुरा में वामपंथी और उनके समर्थकों के बीच डर और असुरक्षा की भावना फैलाने की कोशिश की जा रही है.
इधर, बीजेपी के महासचिव और पूर्वोत्तर राज्यों के चुनाव प्रभारी राम माधव ने इस मामले में एक ट्वीट किया. जिसमें वो घटना की निंदा करने की बजाय इसे बदलाव बताया है. हालांकि, मीडिया में खबरें आने के बाद उन्होंंने इस ट्वीट को हटा दिया.
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में त्रिपुरा में 25 साल के बाद सत्ता में बदलाव देखने को मिला है. बीजेपी ने अकेले 35 सीट पर जीत हासिल की है. वहीं, उसके सहयोगी दल आईपीएफटी (इंडीजनस पीपुल्स फ्रंट) के साथ राज्य की कुल 43 सीट पर कब्जा है.
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