पिछले कुछ महीनों से ट्विटर (Twitter) और सरकार के बीच तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है. 28 जून को नया विवाद तब सामने आया जब ट्विटर की वेबसाइट पर भारत का गलत नक्शा दिखाया जाने लगा. सोशल मीडिया पर इसकी जमकर आलोचना हुई तो अब जाकर ट्विटर ने इस नक्शे को हटा लिया है.
ट्विटर की वेबसाइट पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग देश के तौर पर दिखाया गया था. ये गलत नक्शा (India Map) ट्विटर वेबसाइट के करियर सेक्शन पर 'Tweep Life' सेक्शन के अंदर दिखाया जा रहा था जो अब नहीं दिख रहा है. ये दूसरी बार है जब ट्विटर ने भारत का गलत नक्शा दिखाया. इससे पहले प्लेटफॉर्म ने लेह को चीन का हिस्सा दिखा दिया था.
केंद्र सरकार के नए आईटी नियमों के बाद से ही ट्विटर लगातार सुर्खियों में है. केंद्र सरकार, प्लेटफॉर्म को नियम नहीं मानने का आरोप लगा लताड़ चुकी है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद यहां तक कह चुके हैं कि कंपनी जानबूझकर नई गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रही है. अभी कुछ दिनों पहले ही एक इंटरव्यू में रविशंकर प्रसाद ने कहा था-
3 पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए आपको बहुत बड़ी परीक्षा आयोजित करनी है? व्यापार करो, आपके यूजर्स सवाल पूछे उसका स्वागत है लेकिन भारत के संविधान और कानून का पालन करना पड़ेगा.रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री
हाल ही में नए आईटी नियमों के तहत ट्विटर ने धर्मेंद्र चतुर को ग्रिवांस ऑफिसर नियुक्त किया था लेकिन तल्खियों के बीच चतुर ने भी इस्तीफा दे दिया है और अब एक अमेरिकी नागरिक को बतौर ग्रिवांस ऑफिसर ट्विटर ने नियुक्त किया है.
ट्विटर के ऑफिस पहुंची थी दिल्ली पुलिस
सरकार और ट्विटर के बीच का ये विवाद पिछले कुछ महीनों में चरम पर था. ये विवाद इतना बढ़ गया था कि इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बंद होने तक के कयास लगाए जाने लगे थे. पिछले महीने ''टूलकिट केस'' में ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के कई ऑफिसर एक नोटिस थमाने ट्विटर के ऑफिस तक पहुंच गए. दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा था, दिल्ली पुलिस की टीम नियमित प्रक्रिया के तहत ट्विटर को नोटिस देने के लिए ट्विटर कार्यालय गई थी. इसकी आवश्यकता थी, क्योंकि हम यह पता लगाना चाहते थे कि नोटिस देने के लिए सही व्यक्ति कौन है. यह इसलिए क्योंकि ट्विटर इंडिया के एमडी के जवाब बहुत अस्पष्ट हैं.
गाजियाबाद बुजुर्ग पिटाई केस में भी ट्विटर इंडिया को नोटिस भेजा गया था. इस केस के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया था. उन्होंने, टूलकिट केस का उदाहरण देते हुए कहा था कि अगर मैनिपुलेटेड या अनमैनिपुलेटेड ट्वीट घोषित करने के लिए नियम है तो ये गाजियाबाद मामले में लागू क्यों नहीं हुआ.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)