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राम मंदिर ट्रस्ट पर आपस में भिड़े कांग्रेस नेता

कांग्रेस पार्टी नेता जितिन प्रसाद और उदित राज राम मंदिर ट्रस्ट में सदस्यों के नाम को लेकर आपस में भिड़ गए.

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राम मंदिर ट्रस्ट बनाने के घोषणा के बाद से हर रोज कोई ना कोई मंदिर से जुड़ी खबरे आ रही हैं इसी बीच कांग्रेस पार्टी के दो वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद और उदित राज राम मंदिर ट्रस्ट में सदस्यों के नाम को लेकर सोशल मीडिया पर आपस में भिड़ गए.

पार्टी के एससी/एसटी नेता उदित राज ने ट्रस्ट में सिर्फ एक दलित व्यक्ति को स्थान दिए जाने पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा, "पिछली जनगणना के अनुसार दलितों की आबादी ब्राह्मणों से तीन गुना अधिक है. फिर सरकार ने राम मंदिर को ब्राह्मणों पर ही क्यों छोड़ दिया है?"

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बता दें, पूर्व लोक सेवक उदित राज पिछले साल आम चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे. कांग्रेस में शामिल होने से पहले, वह उत्तर-पश्चिम दिल्ली से भाजपा के सांसद थे.

सोशल मीडिया पर उनका विरोध करते हुए कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य जितिन प्रसाद ने उन्हें याद दिलाने की कोशिश की, "विषय जो भी हो, कांग्रेस की परंपरा किसी भी जाति या समुदाय पर हमला करने की नहीं है."

“मेरा मानना है कि कांग्रेस की नीति अनुसूचित जाति के लिए सकारात्मक प्रावधान और सभी के लिए समान अवसर की है.”
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद

दिवंगत कांग्रेस नेता जितेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के एक प्रमुख ब्राह्मण परिवार से आते हैं. सरकार ने बुधवार को एक 15 सदस्यीय मंदिर ट्रस्ट की घोषणा की, जिसमें हमेशा एक व्यक्ति दलित समुदाय से होगा. बता दें, सरकार की तरफ से कामेश्वर चौपाल को पहला दलित सदस्य नियुक्त किया गया है.

दलितों को लेकर बीजेपी के नेता ने भी उठाए सवाल

दलितों और अन्य लोगों के मुद्दे को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह और उमा भारती ने भी उठाया है.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने ट्रस्ट में पटना से अनुसूचित जाति के सदस्य कामेश्वर चौपाल को शामिल किए जाने का उल्लेख करते हुए शुक्रवार को कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को इस सराहनीय कार्य के लिए बधाई देना चाहता हूं. इस जीवनकाल में अयोध्या में भव्य मंदिर को देखने की मेरी इच्छा अब पूरी हो सकती है. सिर्फ दलितों को ही नहीं बल्कि पिछड़ों को भी राम मंदिर ट्रस्ट में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. वे भी उतने ही राम भक्त हैं, जितने अन्य हैं."

(इनपुट-ians)

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