कई दिनों से चर्चा में रहने वाले सबरीमाला मंदिर से बड़ी खबर सामने आई है. मंदिर परिसर में दो महिलाओं ने आखिरकार एंट्री कर ली. लेकिन इसके बाद मंदिर का शुद्धिकरण किया गया और इसे दोबारा खोला गया. महिलाओं के घुसने के बाद इसे बंद कर दिया गया था. मंदिर के मुख्य हिस्से तक पहुंचने से उन्हें रोक दिया गया था. इन दोनों महिलाओं की उम्र 40 साल के करीब बताई जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी लगा है बैन
सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी महिलाओं की एंट्री पर बैन लगा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को एंट्री दी जाए. जिसके बाद से यहां बवाल होना शुरू हो गया. कोर्ट के फैसले के बाद कई बार महिलाओं ने यहां प्रवेश करने की कोशिशें की, लेकिन भक्तों के विरोध के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाया. महिलाओं के प्रवेश को रोकने के लिए यहां दिन रात पहरा दिया जा रहा था.
पहली बार महिलाओं की एंट्री
इस सब बवाल के बीच अब आखिरकार दो महिलाओं ने मंदिर परिसर में एंट्री कर ली है. दोनों महिलाओं ने मंदिर में पूजा के लिए सुबह करीब पौने चार बजे मंदिर परिसर में प्रवेश किया. इन दोनों महिलाओं का नाम बिंदू और कनकदुर्गा बताया जा रहा है. दोनों महिलाओं ने आधी रात से ही मंदिर के लिए चलना शुरू कर दिया था.
महिलाओं की एंट्री पर लंबे समय से रोक के बाद अब पहली बार महिलाओं ने मंदिर परिसर में पैर रखे हैं, इससे काफी बवाल होने की उम्मीद है. लंबे समय से इस मुद्दे पर राजनीति भी गर्म है.
14 जनवरी को होगा बंद
सबरीमाला मंदिर कैलेंडर के हिसाब से सबसे महत्वपूर्ण सीजन 'मकरविलक्कू' के लिए यह रविवार शाम पांच बजे फिर से खुलेगा. 14 जनवरी को 'मकरविलक्कू' का दिन पड़ने के साथ 20 जनवरी को अंतिम रूप से बंद हो जाएगा.
संयोग से, 14 जनवरी का दिन मंदिर के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है, क्योंकि क्षितिज पर आकाशीय प्रकाश का दर्शन होता है, जिसे शुभ माना जाता है.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम ) की अगुवाई वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के और कई हिंदू समूहों द्वारा विरोध जताने के बावजूद शीर्ष अदालत के फैसले को लागू करने की कोशिश कर रही है.
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