'आतंकवादियों के महिमामंडन' के खिलाफ ब्रिटिश सरकार के सामने भारत की ओर से विरोध दर्ज कराए जाने के बाद बर्मिंघम शहर की परिषद ने आने वाले शनिवार को आतंकी बुरहान वानी की मौत की बरसी पर होने वाली रैली की अनुमति वापस ले ली है.
ब्रिटेन स्थित कश्मीरी समूहों ने हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के एक साल पूरा होने के मौके पर रैली निकालने की योजना बनाई है. वानी पिछले साल आठ जुलाई को मारा गया था. भारत ने इस रैली को लेकर सोमवार को ब्रिटेन के सामने विरोध दर्ज कराया था.
बर्मिंघम सिटी काउंसिल के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘टहमने कश्मीर में मानवाधिकार के उल्लंघन को लेकर शांतिपूर्ण रैली निकालने के लिए बुकिंग ली थी. बहरहाल, हम प्रचार के पर्चों को लेकर जताई गई चिंताओं से अवगत हैं और प्रचार सामग्री को देखा है. हमने विक्टोरिया स्क्वावयर का इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी है.’
भारत ने ब्रिटिश विदेश विभाग को लिखा था खत
भारत के उप उच्चायुक्त दिनेश पटनायक ने बीते सोमवार को ब्रिटिश विदेश विभाग को संदेश भेजा, जिसमें उसने वानी के अपराधों और कश्मीर घाटी में हिंसा भड़काए जाने का भी उल्लेख किया.
पटनायक ने लिखा, ''कश्मीर पर रैली एक अलग मामला है लेकिन एक आतंकवादी का महिमामंडन करना अस्वीकार्य है. ब्रिटेन ने पिछले कुछ महीनों में खुद आतंकवाद की मार झेली है और कई लोगों की जान गई है. कानून-व्यवस्था आतंकवादियों के महिमामंडन और हिंसा भड़काए जाने को कैसे इजाजत दे सकती है.''
वरिष्ठ राजनयिक ने यह भी सवाल किया कि क्या ब्रिटेन की सरकार लंदन ब्रिज पर हमला करने वाले पाकिस्तानी मूल के आतंकी खुर्म बट्ट और दूसरे आतंकवादियों के पक्ष में इसी तरह की रैली आयोजित किए जाने की इजाजत देगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)