उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) में पिछले दिनों हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद आरोपी बनाए गए पूर्व सांसद अतीक अहमद (Atique Ahmed) के दफ्तर पर स्पेशल टीम ने छापेमारी की. इस दौरान पुलिस ने 74 लाख 62 हजार की नगदी व 11 पिस्टल बरामद किए हैं. इसके अलावा पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.
क्या है पूरा मामला?
उपेश पाल हत्याकांड के बाद आरोपी बनाए गए अतीक अहमद और उनके परिवार पर पुलिस की कार्रवाई जारी है. अब उनके चकिया स्थित दफ्तर पर पुलिस की स्पेशल टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान हथियारों के साथ भारी मात्रा में कैश, जिंदा कारतूस और मैगजीन बरामद की गई है.
सर्च ऑपरेशन के वक्त पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा भी टीम के साथ मौजूद थे. बताया जा रहा है कि अतीक अहमद के दफ्तर से नोट गिनने की मशीन भी बरामद की गई है.

बरामद की गई नोट गिनने की मशीन
(फोटो- क्विंटहिंदी)
प्रयागराज के कमिश्नर रमित शर्मा ने कहा कि नियाज अहमद, मोहम्मद सजद, कैश अहमद, राकेश कुमार, मोहम्मद अरशद खान उर्फ अरशद कटरा को गिरफ्तार किया गया है.
नियाज अहमद ने उमेश पाल हत्याकांड से पहले रेकी की थी. अतीक के बेटे असद ने सजद को आईफोन दिया था, सजद ने ही उमेश पाल की लोकेशन दी थी. अरशद खान उर्फ अरशद कटरा भी इस हत्याकांड की साजिश में शामिल था.रमित शर्मा, कमिश्नर, प्रयागराज
उन्होंने आगे कहा कि कैश अहमद, अतीक का ड्राइवर था और पिछले 16 सालों से उनके लिए काम करता था. कैश की निशानदेही पर ही नगदी और असलहों की बरामदगी की गई है. राकेश कुमार अतीक के घर के लिए 19 सालों से मुंशी का काम कर रहा था. असलहों को छिपाने में उसकी अहम भूमिका थी.
फरवरी में हुई थी उमेश पाल की हत्या
24 फरवरी को प्रयागराज के सुलेम सराय में राजू पाल हत्या केस में गवाह उमेश पाल की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद अतीक अहमद के खिलाफ पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की. उनके कई करीबियों का घर भी बुल्डोजर से ध्वस्त कर दिया गया.
5 लाख का इनामी गुलाम हसन का घर जमींदोज
मंगलवार, 20 मार्च को हत्याकांड में आरोपी और 5 लाख के इनामी गुलाम हसन के मकान को पीडीए ने बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया.
पीडीए के मुताबिक गुल हसन ने राजकीय स्थान की जमीन पर करीब 400 वर्ग गज एरिया में अवैध निर्माण किया था. जिसकी वजह से उसे राजकीय स्थान के अधिकारियों की तरफ से जमीन खाली करने की पहले नोटिस दी जा चुकी थी. आरोप है कि इसके बावजूद उसने खुद निर्माण नहीं गिराया.
SDM सदर ने राजकीय स्थान की भूमि पर अवैध कब्जे किये जाने की रिपोर्ट के जरिये पीडीए को जमीन खाली कराने का आदेश दिया था. पीडीए के मुताबिक गुलाम को जनवरी में जमीन खाली करने की नोटिस दी गई थी. जमीन पर अवैध निर्माण को नहीं खाली करने पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही भी किये जाने की बात कही गयी थी, फिर भी काफी समय दिए जाने के बावजूद गुलाम ने जमीन नहीं खाली की.
इतना ही नहीं कथित तौर पर उस जगह पर मकान के अलावा बाहर की तरफ दुकानें भी बनाई गई हैं जो अवैध निर्माण है.
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