मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद देश में बेरोजगारी को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं, उससे सरकार की चिंता बढ़ सकती है. आधिकारिक आंकड़ों में ये बात सामने आई है कि देश में बेरोजगारी की दर 45 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है.
आंकड़ों के अनुसार, देश में जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान एक साल में बेरोजगारी 6.1 फीसदी बढ़ी. कुछ ही महीने पहले लीक हुई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि देश में बेरोजगारी दर 45 साल के ऊंचे स्तर पर है लेकिन उस वक्त सरकार ने उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था, लेकिन अब सरकार ने इस आंकड़े को स्वीकार कर लिया है.
चुनाव से पहले लीक हुई थी बेरोजगारी के आंकड़ों की रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव से पहले बेरोजगारी के आंकड़ों को लेकर एक रिपोर्ट लीक हो गई थी. इस रिपोर्ट को लेकर विपक्ष 45 सालों में सर्वाधिक बेरोजगारी दर को मुद्दा बना सरकार पर हमलावर हो गया था. हालांकि, सरकार विपक्ष के दावों को हवा-हवाई बताती रही.
अब, जबकि मोदी सरकार-2 शपथ ले चुकी है, तब बेरोजगारी दर को लेकर आधिकारिक आंकड़े जारी किए गए हैं. सरकारी आंकड़ों में विपक्ष के दावे की पुष्टि हो गई है.
बेरोजगारी दर को लेकर क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में 2017- 18 में बेरोजगारी दर कुल उपलब्ध कार्यबल का 6.1 प्रतिशत रही जो 45 साल में सबसे ज्यादा है. मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार शहरी क्षेत्र में रोजगार योग्य युवाओं में 7.8 प्रतिशत बेरोजगार रहे, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 5.3 प्रतिशत रहा.
अखिल भारतीय स्तर पर पर पुरूषों की बेरोजगारी दर 6.2 प्रतिशत जबकि महिलाओं के मामले में 5.7 प्रतिशत रही.
वहीं अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी चौथी तिमाही अच्छी नहीं रही. कृषि और विनिर्माण क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन के चलते वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़कर पांच साल के न्यूनतम स्तर 5.8 प्रतिशत पर पहुंच गयी. इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)