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एयर इंडिया को बेचने या बंद करने का ही विकल्प- केंद्रीय मंत्री 

एयरलाइन पर 60,000 करोड़ से ज्यादा का कर्जा है

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एयर इंडिया का विनिवेश लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है. एयरलाइन पर 60,000 करोड़ से ज्यादा का कर्जा है. केंद्र सरकार इसके विनिवेश को लेकर पूरी तरह तैयार दिख रही है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि एयर इंडिया का '100 फीसदी विनिवेश' किया जाएगा और इसे 'एक नया घर ढूंढना चाहिए.' पुरी ने विनिवेश की संभावित डेडलाइन का भी ऐलान किया.

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एयरलाइन को मिले हैं कई बिडर

हरदीप सिंह पुरी ने 27 मार्च को कहा कि एयर इंडिया का विनिवेश मई के अंत तक पूरा हो सकता है. पुरी ने बताया कि एयरलाइन के लिए कई बिडर मिले हैं और कुछ को शॉर्टलिस्ट कर लिया गया है.

“22 मार्च को हुई बैठक में फैसला किया गया कि सरकार 64 दिनों में वित्तीय बोली बंद कर देगी.” 
हरदीप सिंह पुरी ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा  

पुरी ने कहा कि एयरलाइन पर 60 हजार करोड़ के कर्जे में है और इसे बेचना पड़ेगा. केंद्रीय मंत्री का कहना है कि पवन हंस जैसे बाकी PSU के विनिवेश की भी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

“हमने फैसला किया है कि एयर इंडिया का 100 फीसदी विनिवेश किया जाएगा. चुनाव विनिवेश करने या नहीं करने के बीच नहीं करना है. बल्कि ये विनिवेश या बंद करने के बीच है. एयर इंडिया पहले दर्जे की संपत्ति है लेकिन उस पर 60 हजार करोड़ का कर्जा हो.” 
हरदीप सिंह पुरी ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा  

क्या फिर बंद होगी घरेलू उड़ान सेवा?

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि COVID-19 की दूसरी वेव की वजह से एयरलाइन्स के 100 फीसदी क्षमता पर चलने में देरी हो रही है. हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 1 अप्रैल से समर शेड्यूल की शुरुआत से 100 फीसदी क्षमता पर एयरलाइन्स को चलाने का इरादा था.

हालांकि, पुरी ने साफ कह दिया है कि ‘घरेलू उड़ान सेवाएं बंद नहीं की जाएंगी.’ पुरी ने उड़ान को यात्रा का सबसे सुरक्षित माध्यम बताया.

हरदीप सिंह पुरी ने कहा, "अब हम कोरोना केस में फिर उछाल के बाद 100 फीसदी नहीं चला सकते. मैंने एयरपोर्ट ऑपरेटर्स और एयरलाइन्स से ऐसे यात्रियों की नो-फ्लाई लिस्ट लगाने के लिए कहा है जो मास्क नहीं पहनते और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते."

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