सुप्रीम कोर्ट में उन्नाव रेप केस की सुनवाई का शुक्रवार को दूसरा दिन था. कोर्ट ने पीड़ित की गाड़ी से ट्रक की टक्कर के मामले में रायबरेली से दिल्ली की अदालत में ट्रांसफर के अपने आदेश में संशोधन किया है क्योंकि इस घटना की जांच अभी तक पूरी नहीं हो सकी है. ट्रांसफर 15 दिन के लिए टाल दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील का संज्ञान लिया कि पिछले रविवार को हुई इस दुर्घटना की जांच अभी जारी है.
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि क्योंकि दुर्घटना संबंधी इस मामले की जांच अभी चल रही है, इसलिए कानूनी प्रावधानों के तहत इसका ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है.
बता दें कि कोर्ट ने गुरुवार को सीबीआई को इस मामले की जांच का काम 7 दिन के भीतर पूरा करने का आदेश देने के साथ ही उन्नाव कांड से जुड़े 5 मामले दिल्ली की अदालत में ट्रांसफर कर दिए थे.
पीड़िता के इलाज का फैसला परिवार का
इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता को इलाज के लिए लखनऊ स्थित केजी मेडिकल कालेज से दिल्ली के एम्स में ट्रांसफर कराने का फैसला उसके परिवार पर छोड़ दिया. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि के इस बयान का संज्ञान लिया कि पीड़ित अभी अचेत है और वेंटीलेटर पर है. उन्होंने कहा कि महिला के परिजनों की राय है कि फिलहाल लखनऊ के अस्पताल में ही उसका इलाज होने दिया जाए.
पीठ ने गिरि के इस सुझाव को स्वीकार कर लिया और कहा कि पीड़ित के परिजन उसे लखनऊ से दिल्ली के AIIMS में ट्रांसफर करने के बारे में फैसला लेने के लिए आजाद है.
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