उन्नाव रेप कांड की शिकार लड़की की मौत से पूरा देश सकते में है. इस मामले में लड़की को जिंदा जलाने वाले पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस बीच आरोपियों के बारे में जो जानकारियां सामने आ रही हैं वो हैरान कर देने वाली हैं.
शादी का झांसा देकर रेप
यूपी पुलिस के मुताबिक पीड़ित और आरोपी शिवम त्रिवेदी के बीच जान-पहचान थी. शिवम लड़की को शादी का झांसा देकर, उसके साथ 19 जनवरी 2018 से 12 दिसंबर 2018 तक रेप करता रहा.
कौन हैं आरोपी?
आरोपी पांच लोगों में से दो पर लड़की के साथ पहले से ही रेप करने का मामला चल रहा था. मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी लड़की को जिंदा जलाने की वारदात करने के चार दिन पहले ही बेल पर छूटकर आया था.
लड़की और शिवम त्रिवेदी के बीच पहले से जान-पहचान थी. दोनों के परिवार भी एक-दूसरे को जानते थे.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 12 दिसंबर 2018 को शिवम के रिश्चतेदार शुभम ने भी बंदूक की नोक पर पीड़िता के साथ रेप किया. शुभम भी पीड़िता को जलाए जाने वाले आरोपियों में से एक है.
द प्रिंट की रिपोर्ट में बताया गया है कि शुभम की मां सावित्री देवी उन्नाव जिले की हिंदू नगर ग्राम पंचायत की प्रधान हैं. जिसके चलते शुभम के परिवार की गांव में हनक भी थी.
पीड़िता को जलाए जाने के आरोपियों में अन्य तीनों भी शिवम के दूर-दारज रिश्तेदार हैं. इनमें शिवम का पिता रामकिशोर त्रिवेदी और दो दूसरे सदस्य हरिशंकर त्रिवेदी और उमेश बाजपेयी शामिल हैं.
कब क्या हुआ?
- लड़की ने शुभम और शिवम पर 12 दिसंबर, 2018 को गैंगरेप का आरोप लगाया
- 13 दिसंबर को लड़की थाने में शिकायत लेकर पहुंची लेकिन FIR दर्ज नहीं की गई
- 20 दिसंबर को रजिस्टर्ड डाक से रायबरेली के एसपी को शिकायत भेजी गई लेकिन FIR दर्ज नहीं हुई
- रायबरेली कोर्ट के आदेश पर चार मार्च, 2019 को शिवम और शुभम पर FIR दर्ज की गई
- 19 सितंबर, 2019 को मुख्य आरोपी शिवम ने रायबरेली कोर्ट में सरेंडर किया
- 25 नवंबर, 2019 को शिवम को कोर्ट ने बेल दे दी और उसे पांच दिन बाद रिहा कर दिया गया
पीड़िता के परिवार की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है. सात भाई-बहनों समेत 9 लोगों के परिवार में पीड़िता चौथे नंबर की संतान थी. पीड़िता समेत घर में पांच लड़कियां और दो लड़के हैं. छोटे भाई को स्वास्थ्य समस्या है. इसके चलते घर में पिता और एक भाई ही कमाते हैं.
परिवारवालों के मुताबिक आरोपी लगातार केस वापस लेने के लिए दबाव बना रहे थे. लड़की के चाचा को भी आरोपियों ने केस वापस लेने के लिए धमकियां दी थीं. पुलिस ने उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाई लेकिन लड़की को जलाए जाने के बाद.
कैसे हुई घटना
शुक्रवार सुबह पीड़िता रायबरेली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने को निकली थी. पहले पीड़िता के साथ उसका भाई भी जा रहा था. किसी कारण से पीड़िता को अकेले जाना पड़ा. स्टेशन से कुछ ही दूर पांचों आरोपियों ने पीड़िता को घेर लिया. इस दौरान उसे चाकू मारे गए.
दरिंदगी यहीं नहीं रुकी जो आरोपियों ने पेट्रोल डालकर पीड़िता को आग लगा दी. घटनास्थल से भागते हुए पीड़िता एक किलोमीटर तक चलती रही और एक आदमी की मदद से 112 नंबर पर फोन कर पुलिस बुलवाई.
इनपुट्स: TOI, द प्रिंट
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