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उन्नाव हादसा: फाइनेंसर ने किया ट्रक मालिक का पर्दाफाश

फाइनेंसर ने ट्रक के मालिक देवेंद्र किशोर पाल को गाड़ी जब्त करने की धमकी नहीं दी थी

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भारत
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सनसनीखेज उन्नाव सड़क हादसे में एक नया मोड़ आ गया है. ट्रक के फाइनेंसर ने ये खुलासा किया है कि उसने कभी भी ट्रक के मालिक देवेंद्र किशोर पाल को गाड़ी जब्त करने की धमकी नहीं दी थी.

उन्नाव रेप पीड़िता की कार को टक्कर मारने वाले ट्रक के मालिक पाल ने बयान दिया है कि उसने गाड़ी की नंबर प्लेट को काला इसलिए किया था, ताकि वाहन का फाइनेंसर इसे जबरदस्ती जब्त न कर ले. हादसे की शिकार हुई कार में पीड़िता, उसका वकील और पीड़िता के परिवार के सदस्य सवार थे.

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पाल ने कहा था कि वह कर्ज की कुछ किश्तों का भुगतान नहीं कर पाया था और ट्रक के जब्त होने के डर से उसने नंबर प्लेट काली कर दी थी. उसने कहा था कि नंबर प्लेट को काला करना पीड़िता की साजिश के तहत हत्या की योजना का हिस्सा नहीं था.

हालांकि नए खुलासे में ट्रक के फाइनेंसर का बयान, ट्रक मालिक के शुरुआती बयान के बिल्कुल विपरीत है. वहीं परिवार ने एफआईआर में दावा किया है कि यह हादसा रेप के आरोपी बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने पीड़िता की हत्या के इरादे से रची गई साजिश का नतीजा था. इस हादसे में पीड़िता के परिवार के दो सदस्य मारे गए थे.

'हमारी मुलाकात दोस्ताना थी'

ओरिक्स फाइनेंसर कंपनी के मैनेजर शशि कुमार ने कानपुर से न्यूज एजेंसी आईएएनएस को फोन पर बताया कि उसने कभी भी ट्रक मालिक देवेंद्र पाल सिंह को किश्तों के भुगतान न करने की वजह से डराया-धमकाया नहीं था.

यहां तक कि 25-26 जुलाई के आसपास मैं देवेंद्र से फतेहपुर के पास एक ढाबा पर मिला भी था और उससे आग्रह किया था कि वह जल्द से जल्द किश्तों का भुगतान कर दें. हमारी मुलाकात दोस्ताना थी. हमारी कंपनी ओरिक्स सबसे बड़ी फाइनेंसर कंपनियों में से एक है और इसका क्षेत्रीय कार्यालय कानपुर में है. हमारे पास ग्राहकों के हस्ताक्षरित कानूनी कागजात भी हैं और हम कभी भी किसी वाहन को जबरदस्ती जब्त नहीं करते हैं.
शशि कुमार, मैनेजर, ओरिक्स फाइनेंस कंपनी
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मैनेजर ने कहा कि उन्हें पाल के ऐसे बयान देने की वजह के बारे में कुछ नहीं पता है, लेकिन वह इतना जरूर कह सकते हैं कि कंपनी ने कभी भी सड़क पर चल रही गाड़ी को जब्त नहीं किया है.

हर महीने देवेंद्र को 80 हजार रुपये से ज्यादा की किश्त का भुगतान करना होता है. हालांकि बीते कुछ महीनों से वह भुगतान नहीं कर पा रहा है. मैं साफ कर दूं कि वह कई सालों से हमारा ग्राहक है. हमने अपने फाइनेंस किए कुछ वाहनों को एनओसी भी दे रखी है.
शशि कुमार, मैनेजर, ओरिक्स फाइनेंस कंपनी

फाइनेंस कंपनी का किया गया खुलासा पाल के बयान को कटघरे में लाकर खड़ा करता है. इससे दुर्घटना की वजह और भी रहस्यमय हो गई है. मामले की जांच कर रहे सीबीआई के एक अधिकारी के अनुसार, ट्रक के फाइनेंस संबंधी जांच अलग-अलग तरीके से की जाएगी.

वहीं मामले की जांच में शामिल रायबरेली के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "अगर ओरिक्स ने पहले कभी लोन की किश्त का भुगतान न करने पर किसी वाहन को जब्त करने की जानकारी नहीं मिलती है तो, ऐसे में देवेंद्र का बयान और भी महत्वपूर्ण हो जाएगा. अगर ओरिक्स मैनेजमेंट ने कोई दबाव नहीं डाला तो उसने घटना के पहले ट्रक की नंबर प्लेट को काला क्यों किया था. ये एक साफ जवाब वाला सवाल है."

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