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उन्नाव की बेटी के आखिरी शब्द- ‘मैं जीना चाहती हूं,उन्हें फांसी हो’

महिला की हालत काफी नाजुक थी. वह 90 फीसदी तक जल चुकी थी

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भारत
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"मुझे बचाओ, मैं मरना नहीं चाहती, मैं उन्हें फांसी पर लटकते देखना चाहती हूं”. उत्तर प्रदेश के उन्नाव में दरिंदगी का शिकार बनी 23 साल की लड़की के ये आखिरी शब्द थे. उन्नाव की बेटी ने 6 दिसंबर देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ने से पहले अपने परिवार के सदस्यों और डॉक्टरों के सामने ये शब्द कहे.

अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर ने कहा, "वह दर्द में थी. वह खुद को बचाने की गुहार लगा रही थी."

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लड़की की हालत काफी नाजुक थी. वह 90 फीसदी तक जल चुकी थी. महिला को एयर एंबुलेंस के जरिए लखनऊ से दिल्ली सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

देशभर में आक्रोश

उन्नाव की बेटी की मौत के बाद देशभर के लोगों में आक्रोश है. हर कोई आरोपियों को कठोर से कठोर सजा देने की मांग कर रहा है. दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा, "मैं केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से अपील करती हूं कि इस मामले में रेप करने वालों को एक महीने के अंदर फांसी की सजा दी जाए."

इस मामले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी दरिंदगी का शिकार बनी लड़की के परिवार से मिलने उसके घर पहुंचीं. परिवार से मुलाकात के बाद प्रियंका ने कहा कि लड़की के परिजनों ने उन्हें आपबीती सुनाई. प्रियंका गांधी ने कई ट्वीट भी किए.

उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, "मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि उन्नाव पीड़िता के परिवार को इस दुख की घड़ी में हिम्मत दे. ये हम सबकी नाकामयाबी है कि हम उसे न्याय नहीं दे पाए. सामाजिक तौर पर हम सब दोषी हैं, लेकिन ये उत्तर प्रदेश में खोखली हो चुकी कानून-व्यवस्था को भी दिखाता है."

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शादी का झांसा देकर हुआ रेप

यूपी पुलिस के मुताबिक महिला और मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी के बीच जान-पहचान थी. शिवम लड़की को शादी का झांसा देकर, उसके साथ 19 जनवरी 2018 से 12 दिसंबर 2018 तक रेप करता रहा. 12 दिसंबर, 2018 को गैंगरेप का आरोप लगाया. रायबरेली कोर्ट के आदेश पर 4 मार्च 2019 को शिवम और शुभम पर FIR दर्ज की गई.

19 सितंबर, 2019 को मुख्य आरोपी शिवम ने रायबरेली कोर्ट में सरेंडर कर दिया. 25 नवंबर 2019 को शिवम को कोर्ट ने जमानत दे दी और उसे पांच दिन बाद रिहा कर दिया गया.

5 दिसंबर की सुबह महिला अपने वकील से मिलने के लिए रायबरेली जा रही थी. तभी रास्ते में शिवम, शुभम समेत पांच लोगों ने महिला को घेर लिया. उसे पीटा और पेट्रोल डालकर आग लगा दी.

इन सबके बावजूद वह खड़ी हो गई और एक किलोमीटर तक दौड़कर पास ही के गांव तक पहुंची, जहां उसने गांव के ही एक शख्स से मदद मांगी. उस शख्स ने पुलिस को फोन किया और लड़की ने पुलिस को आपबीती बताई.

इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस उसे नजदीकी अस्पताल ले गई, जहां से उसे लखनऊ के सिविल अस्पताल में रेफर कर दिया गया. वहां प्लास्टिक सर्जरी बर्न यूनिट में भर्ती लड़की का बयान दर्ज किया गया. अपने बयान में उसने सभी पांचों आरोपियों के नाम लिए. यहां से लड़की को एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया. यहां सफदरजंग अस्पताल में लड़की ने शुक्रवार रात दम तोड़ दिया.

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