उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बिजनौर (Bijnor) जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. शहर का माहौल खराब करने के आरोप में पुलिस ने दो भाइयों को गिरफ्तार किया है. इन पर आरोप है की 24 जुलाई को दोनों भाइयों ने जिले की तीन मजारों पर तोड़फोड़ की और वहां रखी चादरें जला दीं. प्रदेश के आला अधिकारियों के मुताबिक यह काम जिले और प्रदेश की शांति व्यवस्था को भंग करने के लिए किया गया था.
इस घटना के पीछे कोई बड़ी साजिश मानकर उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) ने इस घटना की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (STF), एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) और आईबी (IB) जैसी एजेंसियों को लगा दिया है.
क्या है पूरा मामला?
घटना बिजनौर जिले के शेरकोट इलाके की है, जहां 24 जुलाई की देर शाम दो सगे भाई आदिल व कमाल ने सैकड़ों साल पुरानी दरगाह भूरे शाह बाबा व जलाल शाह बाबा की मजार को निशाना बनाते हुए जम के तोड़फोड़ की. इतना ही नहीं, दोनों भाइयों ने मजार पर चढ़ाए जाने वाले चादरों को भी जला दिया. चश्मदीदों के मुताबिक जानकारी मिलने पर आनन-फानन में स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तारी के तुरंत बाद पुलिस को पूछताछ में पता चला कि दोनों भाई सुबह निकले थे तो उनमें से एक ने भगवा पगड़ी पहनी थी. इन्होंने कस्बा शेरकोट स्थित कुतुब शाह की मजार पर भी तोड़फोड़ की थी. हालांकि इस घटना की जानकारी आम जनता या पुलिस को नहीं चल पाई थी.
"सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना था मकसद"
घटना के बाद अपने बयान में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि घटना के पीछे असल मकसद क्या था यह बात अभी तक सामने नहीं आई है लेकिन आला अधिकारियों की मानें तो एक भाई ने भगवा पगड़ी पहन रखी थी और इनका मकसद सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का था. उन्होंने आगे कहा,
"यह पूरा घटनाक्रम दर्शाता है कि एक बड़ी साजिश के तहत प्रदेश के माहौल तथा सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास वांछनीय तत्व द्वारा किया गया था, जिसको पुलिस त्वरित कार्यवाही करते हुए इस पूरे घटना का पटाक्षेप किया. अब आगे हमारी विशेषज्ञ एजेंसियां और इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा कड़ाई से पूछताछ की जा रही है. जो भी जरूरी चीजें सामने आएंगी उनसे सभी को अवगत कराया जाएगा".
पुलिस का दावा- सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
सावन और कावड़ यात्रा के मद्देनजर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद इंतजाम होने का दावा किया है. प्रदेश के पश्चिम के जिलों में जहां पर सावन के दौरान श्रद्धालुओं और कावड़ियों की सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती है, वहां पर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दौरा कर सुरक्षा इंतजाम को दुरुस्त करने के लिए निर्देश भी दिए जाते हैं. हालांकि इन सब इंतजामों के बीच बिजनौर जिले के तीन मजारों पर तोड़फोड़ और आगजनी की घटना हो जाती है- यह कहीं ना कहीं सुरक्षा में चूक की ओर इशारा भी करती हैं.
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