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वेस्ट UP में BJP नेताओं का हो रहा विरोध, बालियान समर्थकों से झड़प

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान का शामली के बाद मुजफ्फरनगर में भी विरोध

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भारत
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कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुए किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी नेता लगातार हमलावर रहे हैं. लेकिन अब ग्रामीण इलाकों में जब नेता जमीन पर उतर रहे हैं तो उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. किसान गुस्से में हैं और बीजेपी नेताओं को अपने गांव और कस्बों में नहीं आने देना चाहते हैं. इसी बीच बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान का पश्चिमी यूपी में विरोध हुआ और इस दौरान जमकर हिंसा भी हुई. इस हिंसा के बाद अब बीजेपी और आरएलडी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.

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किसान नेताओं को साधने की कोशिश में बीजेपी

दरअसल कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में काफी गुस्सा है. इसका इल्म कहीं न कहीं बीजेपी को भी है, इसीलिए अब जाट नेताओं को साधने की कोशिश शुरू हो चुकी है. जिसका जिम्मा जाट नेता संजीव बालियान को दिया गया है.

इसी क्रम में सोमवार 22 फरवरी को बालियान मुजफ्फरनगर पहुंचे. जहां किसानों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया. बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ मुजफ्फरनगर के सोरम गांव पहुंचे बालियान के खिलाफ नारेबाजी हुई और उन्हें उलटे पांव लौटने को कहा गया, लेकिन इस दौरान किसान और बीजेपी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. इस भिड़ंत में कई लोगों को चोटें भी आईं.

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जयंत चौधरी बोले- किसान की इज्जत तो करो

इस घटना को लेकर आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने ट्विटर पर चोटिल लोगों की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा,

“सोरम गांव में बीजेपी नेताओं और किसानों के बीच संघर्ष, कई लोग घायल! किसान के पक्ष में बात नहीं होती तो कम से कम, व्यवहार तो अच्छा रखो. किसान की इज्जत तो करो! इब कानूनों के फायदे बताने जा रहे सरकार के नुमाइंदों की गुंडागर्दी बर्दाश्त करेंगे गांव वाले?”

बालियान ने आरएलडी पर लगाया आरोप

वहीं बीजेपी नेता संजीव बालियान ने भी घटना को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने आरएलडी को जिम्मेदार ठहराया है. बालियान ने ट्विटर पर बताया,

"आज जब सोरम में स्वर्गीय श्री राजबीर सिंह जी की शोकसभा एवं रस्म पगड़ी में शामिल हुआ ,इस दौरान लोकदल के 5-6 नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने बदतमीजी तथा गाली गलौज की. जिस पर स्थानीय निवासियों ने उन्हें ऐसा करने को मना किया तथा वहां से भगा दिया. लोकदल पार्टी जिस तरह से किसानों की आड़ में आपसी भाईचारा खराब करने का प्रयास किया वह निंदनीय है."

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किसानों ने किया थाने का घेराव, कहा- आपा खो चुके हैं बीजेपी नेता

गांव की महिलाओं ने आरोप लगाया कि संजीव बालियान के समर्थकों ने भी उन्हें धमकी दी है. इसके अलावा इस मारपीट की घटना के बाद किसानों ने थाने का घेराव कर दिया. मुजफ्फरनगर के थाना शाहपुर में ही किसान नेताओं अपने साथियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा,

“जो हमारा शोषण करेगा, हम उसका विरोध करेंगे. फिर चाहे वो किसी भी दल का हो. जो बीजेपी सरकार के नुमाइंदे हैं, वो समझ जाएं कि आज गांव का कोई भी व्यक्ति आपको गांव में घुसने नहीं दे रहा है, जिसकी बौखलाहट से आप अपना आपा खो चुके हो. आप न बुजुर्ग देखते, न नौजवान देखते, न बहनों को देखते हैं. उस महिला के साथ भी बदतमीजी की गई, जिसके घर पर हम पुलिस और उन गुंडों से बचने के लिए घुसे थे.”
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान का शामली के बाद मुजफ्फरनगर में भी विरोध
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शामली में भी हुआ था जमकर विरोध

लेकिन भले ही बीजेपी नेता बालियान आरएलडी के कार्यकर्ताओं पर इस विरोध और हिंसा का आरोप लगा रहे हों, लेकिन ऐसा नहीं है कि उनका विरोध पहली बार हुआ है. इससे कुछ ही घंटे पहले रविवार 21 फरवरी को भी किसानों ने उनका विरोध किया. शामली के गांव भैंसवाल में बीजेपी नेता बालियान का किसानों ने विरोध किया और उनके खिलाफ नारेबाजी हुई. यहां तक कि रास्ते पर ट्रैक्टर लगाकर किसानों ने उन्हें एंट्री करने से रोक दिया, इस दौरान भी बीजेपी समर्थकों और किसानों के बीच तीखी नोकझोंक हुई.

अब आपको पूरी कहानी बताते हैं कि आखिर क्यों संजीव बालियान लगातार यूपी के गांवों में जा रहे हैं. दरअसल बीजेपी अब कृषि कानूनों के विरोध से हुए डैमेज को ठीक करने की कोशिश में जुट गई है. किसान और खाप नेताओं को साधने की कोशिश हो रही है. इसके लिए बीजेपी ने एक पूरा कैंपेन भी लॉन्च किया है. जिसके तहत गांव-गांव जाकर किसानों को कृषि कानूनों के फायदे गिनाने हैं.

इस कैंपेन में जाट समुदाय की नाराजगी को कम करने की जिम्मेदारी बीजेपी ने संजीव बालियान को दी है. लेकिन पश्चिमी यूपी में बालियान जहां जा रहे हैं, वहीं उन्हें किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है.
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विपक्षी नेताओं की सभाओं में भीड़, BJP नेताओं का विरोध

पश्चिमी यूपी में पिछले कई दिनों से किसानों की महापंचायतें हो रही हैं. आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने भी कई महापंचायतों को संबोधित किया, जिनमें हजारों की संख्या में किसान पहुंचे. अब भी लगातार महापंचायतों का दौर जारी है, जिनमें उमड़ रही भीड़ कहीं न कहीं बीजेपी के लिए एक बड़ा चिंता का सबब बनी हुई है.

जयंत चौधरी के अलावा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी पश्चिमी यूपी में किसानों को संबोधित किया है और कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की है. अब विपक्ष के इन नेताओं की सभाओं में हजारों की दादात में किसानों के आने से और बीजेपी नेताओं के पहुंचने पर हो रहा जमकर विरोध कहीं न कहीं सरकार की चिंताओं को बढ़ा रहा है.

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