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यूपी : गौ कल्याण के लिए सेस,आवारा गायों के लिए बनेंगे शेल्टर

श्रीकांत शर्मा के मुताबिक, आवारा गौवंश की समस्या के समाधान के लिए कदम उठाया गया है.

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उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही राज्य में गौ कल्याण सेस लगाने जा रही है. आबकारी चीजों और टोल टैक्स पर यह सेस 0.5 फीसदी रहेगा. गौ सुरक्षा के लिए अपनी आय का 1 फीसदी हिस्सा दे रहे मंडी परिषदों के लिए यह हिस्सा बढ़कर 2 फीसदी हो जाएगा.

उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को इस पॉलिसी को मंजूरी दे दी. सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के मुताबिक, आवारा गौवंश की समस्या के समाधान के लिए कदम उठाया गया है.

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आवारा पशुओं से किसान नाराज

पिछले कुछ हफ्तों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जब किसानों ने विरोध करते हुए आवारा पशुओं को स्कूलों और पुलिस स्टेशन में बंद कर दिया. ग्रामीण इलाकों में आवारा पशुओं की वजह से फसलों को नुकसान पहुंचने की खबरें भी आई हैं.

बढ़ सकती हैं शराब की कीमतें

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक नए सेस से उत्तर प्रदेश में शराब की कीमतें बढ़ सकती हैं. आबकारी विभाग जल्द ही इस बात का फैसला करेगा कि यह सेस कौन-कौन सी चीजों पर लगेगा.

आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह के मुताबिक वह अल्कोहल पर इस सेस को लगाए जाने के पक्ष में नहीं हूं क्योंकि इससे अवैध बिक्री में बढ़ोतरी होगी. जल्द ही एक बैठक होगी, जिसमें इस बात पर चर्चा होगी कि एस सेस में कौन सी चीजों को शामिल किया जाएगा.''

ये भी देखें: UP में किसानों ने आवारा गायों को अस्पताल और स्कूलों में बंद किया

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बनाई जाएंगीं नई गोशालाएं

नई नीति के तहत हर ग्रामीण और शहरी निकाय में अस्थाई काउ शेल्टर बनाए जाएंगे. हर जिले के पास कम से कम 1000 पशुओं को रखने की क्षमता होगी. स्थानीय पुलिस और प्रशासन के पास इस बात की जिम्मेदारी होगी कि वो बिना उपयोग वाले पशुओं को शेल्टर्स में लेकर आएं.

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कैबिनेट ने 5 प्रस्तावों को दी मंजूरी

बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में पांच प्रस्तावों पर मुहर लगी. इन्हीं में से एक, पुलिस और अग्निशमन सेवा के अफसरों एवं कर्मचारियों के साथ ड्यूटी के दौरान होने वाली किसी दुर्घटना के लिए उन्हें मुआवजा राशि दिए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई.

80 से 100 फीसदी तक अपंग होने पर 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. 70 से 79 फीसदी तक 15 लाख रुपये, 50 से 69 फीसदी तक 10 लाख रुपये की आर्थिक राशि प्रदान करने की मंजूरी दी गई है.

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