पिछले महीने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा की उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सहारनपुर में जातीय हिंसा एक बड़ी साजिश का परिणाम थी. साथ ही इस रिपोर्ट में भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर को मुख्य साजिश रचने वाला बताया है.
सरकार की इस रिपोर्ट में हिंसा के पीछे चंद्रशेखर के साथ साथ 35 लोगों का हाथ बताया है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हिंसा ना रोक पाने के पीछे दो अफसरों की लापरवाही भी सामने आई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर अफसरों के बीच सामंजस्य होता तो हिंसा को फैलने से रोका जा सकता था.
हिंसा के लिए सोशल मीडिया भी जिम्मेदार
यूपी सरकार ने अपनी इस रिपोर्ट में कहा है कि हिंसा भड़काने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया गया था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में सरकार को अस्थिर करने के लिए भीम आर्मी जैसी सेनाओं के जरिए हिंसा भड़काई जा रही है.
क्या है सहारनपुर हिंसा का मामला?
5 मई को महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर शोभायात्रा निकाली जा रही थी. इस शोभायात्रा के दौरान डीजे बजाने से रोकने पर दलितों और ठाकुरों में झड़प हुई थी. झड़प के दौरान ठाकुर समाज के एक युवक की मौत हो गई थी. घटना के बाद दलितों के 60 से ज्यादा मकान और कई गाड़ियां जला दिए गए थे.
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