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यूपीः योगी के मंत्री ने दलित के घर खाया हलवाई का बना खाना

देश में इस वक्त दलितों के घर खाने की होड़ लगी है. 

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नेताओं में दलितों के घर जाकर खाना खाने की होड़ लगी है. इसी होड़ में यूपी की योगी सरकार में मंत्री सुरेश राणा भी शामिल हो गए. मंगलवार को सुरेश राणा सूबे के अलीगढ़ में एक दलित के घर खाना खाने पहुंचे. लेकिन खाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया.

दरअसल, योगी सरकार में मंत्री सुरेश राणा दलित के घर तो पहुंचे, लेकिन खाना खाया हलवाई के हाथ का. इतना ही नहीं एक दूसरे मंत्री ने तो दलित के घर खाना खाने को रामायण काल के राम और शबरी की परंपरा तक बता दिया.

देश में इस वक्त दलितों के घर खाने की होड़ लगी है. 
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जिस घर सुरेश खाना खाने गए थे उसके मालिक रजनीश कुमार ने बताया,

मंत्री के आने के बारे में उन्हें नहीं पता था. वो लोग अचानक आये. खाना, बर्तन, पानी सब वो लोग साथ लाए थे. हमें बैठने के लिए कहा गया और उन लोगों ने खाना खाया. खाने में दाल मखनी, मटर पनीर, पुलाव, तंदूरी रोटी और मीठे में गुलाब जामुन मंगवाया गया था.

नेता जी की सफाई

इस बारे में जब सुरेश राणा से पूछा गया तो उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके साथ करीब 100 लोग गए थे, इसलिए खाना हलवाई के पास से मंगवाया गया.

राणा ने कहा,

मैंने उनके ड्रॉइंग रूम में खाना खाया. भोजन परिवार के सदस्यों के अलावा हलवाई का बनाया हुआ भी था. 

पीएम मोदी का ग्राम स्वराज अभियान

बता दें कि ग्राम स्वराज अभियान के तहत बीजेपी ने अपने सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को ऐसे इलाकों में कम से कम एक रात रुकने के लिए कहा है, जहां लगभग 50 प्रतिशत आबादी दलित और पिछड़ों की हो. लेकिन दलित के घर खाना बीजेपी के लिए आए दिन विवाद खड़ा कर रहा है.

दलित के घर खा कर दलितों को धन्य किया

बीजेपी के एक और नेता और यूपी के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप ने भी दलितों के घर खाना खाने को लेकर अटपटा बयान दिया है. मंगलवार की झांसी के गढ़मऊ में चौपाल और गरीब परिवार में भोजन का कार्यक्रम के दौरान यूपी सरकार के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा,

हर व्यक्ति को रात में भूख लगती है. हर कोई घर का बना पकवान खाता है. मुझे भी एक दलित के घर में बने पकवान खाने का सौभाग्य मिला. इसका निर्देश देश के प्रधानमंत्री का है. उनका कहना है कि डाक बंगले की घी से चुपड़ी रोटी मत खाइए. जरा जाइए ‘शबरी’ के यहां उसकी सुखी रोटी में कितना दम है उसे मुंह से पेट में डालकर अंदाजा लगाइए. उसमें कितनी उर्जा मिलती है और कितनी शक्ति मिलती है. कितना मजबूत भाईचारे का संचार आपके शरीर में होता है उसे प्राप्त कीजिए.

मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, “मैं क्षत्रिय पुत्र हूं. मेरे रक्त में देश, समाज और धर्म की रक्षा का दायित्व है. राम ने भी शबरी के जूठे बेर खाए थे. इनका प्यार देख रहे हैं आप. पूरे परिवार के चेहरे का भाव पढ़िए. इन्हें लगता है कि इन्हें कोई अनमोल चीज मिली है, जिसे ये खरीद नहीं सकते."

2019 से पहले दलितों पर निशाना

दरअसल, दलितों के मुद्दे पर घिरती बीजेपी खुद को दलितों को हितैषी बताने में जुटी है. इसी को देखते हुए पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के सीएम से लेकर मंत्री दलितों के घर रात में रुक रहे हैं तो कभी दलितों के घर खाना खा रहे हैं.

बता दें कि अभी हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने भी प्रतापगढ़ इलाके में दलित परिवार के घर जाकर खाना खाया था. लेकिन उस वक्त भी योगी के दलित के घर खाना खाने को लेकर भी विवाद हुआ था. तब मीडिया में ये खबरें आई थी कि योगी ने जिस दलित के घर खाना खाया था. वहां उनके लिए रोटी उनकी ही मंत्री स्वाति सिंह ने ही बनाई थी. बता दें कि स्वाति सिंह ठाकुर जाति से आती हैं.

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