कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को यूपी पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उन्हें गला दबाकर रोकने की कोशिश की गई. वहीं, यूपी पुलिस इस आरोप से इनकार किया है और इसे एक अफवाह बता रही है. जिसमें गला पकड़ने और धक्का देने की बात कही जा रही है.
पुलिस ने हमारी गाड़ी के आगे अपनी गाड़ी लगा दी. उन्होंने कहा कि हम आगे नहीं जा सकते. हमने पूछा क्यों नहीं जा सकते तो बोले कि बस नहीं जा सकते. मैं गाड़ी से उतर गई. मुझे बेवजह रोका गया, पुलिस ने मेरा गला दबाया और रोकने की कोशिश की.प्रियंका गांधी, महासचिव, कांग्रेस
पुलिस अर्चना सिंह ने दी लिखित रिपोर्ट
प्रियंका गांधी की प्रस्तावित कार्यक्रम के लिए फ्लीट प्रभारी के रूप में अर्चना सिंह को लगाया गया था. प्रियंका गांधी की घटना को लेकर उन्होंने एसएसपी को लिखित रिपोर्ट सौंपी है. जिसमें अर्चना सिंह ने लिखा है.
प्रियंका गांधी वाड्रा का लखनऊ में भ्रमण कार्यक्रम प्रस्तावित था. उन्हें कांग्रेस प्रदेश पार्टी कार्यालय से कौल हाउस गोखले मार्ग के लिए प्रस्थान किया और 1090 चौराहे से निर्धारित मार्ग पर फ्लीट की गाड़ियां जा रही थी. लेकिन प्रियंका गांधी की गाड़ी निर्धारित रास्ते से न जाकर लोहिया पथ की तरफ जाने लगी. तब मैंने इसकी जानकारी मांगी कि उन्हें कहां जाना है क्योंकि, मुझे इस बारे में सूचना नहीं थी. लेकिन पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इसकी जानकारी देने से इनकार कर दिया. जिसके बाद प्रियंका गाड़ी से उतर कर पैदल कार्यकर्ताओं के साथ चलने लगी. मैं बताना चाहूंगी कि सोशल मीडिया पर गला पकड़ना, गिराना जैसी अफवाह फैलाई जा रही है यह पूरी तरह से गलत है, जबकि मैंने कर्त्तव्यनिष्ठा से अपनी ड्यूटी पूरी की है.
बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कार्यकर्ता सदफ जफर के परिवार से मिलने से रोक दिया था. सदफ जफर के परिवार से मिलने से रोके जाने के बाद प्रियंका पूर्व आईपीएस दारापुरी के परिवार से मिलने के लिए बढ़ी लेकिन वहां जाने से भी उन्हें रोका गया. रोके जाने पर प्रियंका टू-व्हीलर पर बैठ कर दारापुरी के घर पहुंची.
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