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लखनऊ डबल मर्डर: जापानी नॉवेल से प्रेरित थी कातिल बेटी,जीते कई मेडल

16 साल की उम्र, नेशनल लेवल शूटर, जीता था कई मेडल.

Updated
भारत
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लखनऊ डबल मर्डर: जापानी नॉवेल से प्रेरित थी कातिल बेटी,जीते कई मेडल
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को रेलवे अधिकारी आरडी बाजपेयी की नेशनल शूटर बेटी ने अपनी मां और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी. लड़की ने दोनों को प्वाइंट 22 बोर की राइफल से गोली मारी है. इस मामले में अब कई चौंकाने वाली कहानी सामने आ रही हैं.

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मौत के पीछे जापानी नॉवेल?

पुलिस के आला अधिकारियों ने द क्विंट को बताया कि लड़की ने पूछताछ में कबूल किया है कि वो एक जापानी नॉवेल 'Human Disqualification' से प्रेरित थी.

बता दें इस नॉवेल में अवतार की बात की गई है. कहा तो यह भी जाता है कि इस नॉवेल के लेखक ने इसकी शुरुआत खाने वाले जैम से लिखकर की थी और आज रेलवे अधिकारी की बेटी ने अपनी मां और भाई को मारने से पहले बाथरूम के शीशे पर जैम से disqualified human लिखा था.
जापानी नॉवेल का कवर पेज
विकिपीडिया

3 गोली, दो मौतें

पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने बताया,

लड़की के पास जो बंदूक था उसमें पांच गोलियां थीं, जिसमें से लड़की ने तीन फायर किए. एक गोली उसकी मां को लगी, दूसरी भाई को और तीसरी गोली बाधरूम के शीशे पर मारी गई है. जिस शीशे पर गोली मारी गई है, उस पर जैम से डिस्क्वॉलिफाइड ह्यूमन लिखा था. 
तीसरी गोली इसे शीशे पर लगी, जिसपर जैम से लिखा था 'डिस्क्वालिफाइड ह्यूमन'
(फोटो: क्विंट हिंदी)

पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने बताया कि जब लड़की से पूछताछ की जा रही थी तब उसके हाथ पर पट्टी बंधी हुई थी, लड़की ने अपने हाथ पर रेजर से कई घाव किए हुए थे. पुलिस ने रेजर और राइफल भी बरामद कर लिया है.

लड़की के कमरे के दीवार पर एक रोती हुई इमोजी भी बनी हुई है. जिसमें स्माइली की आंखों से लाल रंग का आंसू निकलता दिख रहा है.

लड़की के रूम में रोता हुआ इमोजी
(फोटो: क्विंट हिंदी)
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नेशनल लेवल शूटर, जीते थे कई मेडल

रेलवे अधिकारी की बेटी राष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज है और उसने कई मेडल भी जीते हैं. वो 9वीं क्लास की छात्रा है. उसकी उम्र 16 साल है.

रेलवे अधिकारी के यहां रहने वाले चौकीदार का कहना है कि बेटी कई दिनों से परेशान सी दिखती थी और लोगो से कम बात करती थी.

ह्यूमन डिस्क्वॉलिफिकेशन नॉवेल की कहानी

ह्यूमन डिस्क्वालिफिकेशन या नो लॉन्गर ह्यूमन 1948 में आई जापानी लेखकर ओसामू दजाई का उपन्यास है. इसे जापान का ऑल टाइम सेकंड बेस्ट सेलर माना जाता है. किताब में आत्महत्या का भी जिक्र है. कई लोगों ना मानना है कि ये किताब लेखक की वसीयत है क्योंकि इसका आखिरी हिस्सा खत्म करने के बाद लेखक ने अपनी जिंदगी भी खत्म कर ली थी. इस किताब का कई भाषाओं में अनुवाद हुआ है.

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