ADVERTISEMENTREMOVE AD

वाराणसी में अवैध टूरिस्ट गाइड बने मुसीबत,मुश्किल में विदेशी सैलानी

बनारस पहुंचना विदेशी सैलानियों की गलती है क्या?

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

धर्म की नगरी वाराणसी में फर्जी गाइडों ने जिला प्रशासन के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है. शहर में धड़ल्ले से घूमने वाले इन फर्जी गाइडों के चलते न सिर्फ बनारस की साख पर बट्टा लग रहा है बल्कि विदेशी सैलानियों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं. हाल के दिनों में विदेशी सैलानियों के साथ हुई घटनाओं ने फर्जी गाइडों के मजबूत नेटवर्क को बेनकाब कर दिया है. बावजूद इसके पर्यटन विभाग के पास इन फर्जी गाइडों की पहचान के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं है.

मुश्किल में विदेशी सैलानी

दुनिया भर में मशहूर काशी के घाटों का दीदार करने के लिए हर साल लाखों की संख्या में विदेशी सैलानी आते हैं. सैलानी यहां धर्म और अध्यात्म के संगम को देखते हैं और महसूस भी करते हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से इन विदेशी मेहमानों के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है. दरअसल शहर में घूमने वाले फर्जी गाइडों ने विदेशी सैलानियों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है. फर्जी गाइड पहले विदेशियों से दोस्ती करते हैं और फिर लूटपाट की घटना को अंजाम देते हैं. इन गाइडों की पहचान कर पाना बेहद मुश्किल है. आलम ये है कि नाव चालने वाले, स्थानीय पंडे या फिर स्टूडेंट भी गाइड बन जा रहे हैं और विदेशी सैलानियों को बरगलाने का काम करना शुरू कर देते हैं... टूटी-फूटी इंग्लिश बोलने के कारण विदेशी सैलानियों को बड़े आराम से अपने झांसे में ले लेते हैं. हाल ही में जापानी पर्यटक के साथ लूटपाट की घटना के बाद हालात सुधारने की ओर ध्यान गया है.

फर्जी गाइडों का बोलबाला

पर्यटन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल बनारस में तीन लाख विदेशी सैलानी पहुंचे थे. इन सैलानियों को शहर में घुमाने के लिए 250 गाइड हैं, जिन्हें लाइसेंस मिला हुआ है. हालांकि सैलानियों के अनुपात में गाइडों की संख्या काफी कम है. लिहाजा इसका फायदा शहर में घूमने वाले फर्जी गाइड उठा रहे हैं. फिलहाल पर्यटन विभाग ने नए गाइडों को लाइसेंस देने और नवीनीकरण पर पाबंदी लगा रखी है. सुप्रीम कोर्ट में ये मामला लंबित है.

फर्जी गाइडों ने असली गाइडों के सामने भी मुसीबत खड़ी कर दी है. आस्ट्रेलियाई ग्रुप के साथ घाट पर पहुंचे पुलकित गुप्ता के मुताबिक कभी-कभी हम लोगों के सामने पहचान का संकट खड़ा हो जाता है. फर्जी गाइडों के चलते विदेशी सैलानियों को बहुत ज्यादा परेशानी होती हैं. पैसे के लालच में ये फर्जी गाइड देश की साख पर बट्टा लगा रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है. ऐसे में स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि जल्द सरकार इस समस्या को काबू करने का काम करेगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×