12 मार्च को ही वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक (Ved Pratap Vaidik) से बात हुई थी. मैंने एक स्टोरी पर उनका बयान लेने के लिए फोन किया था. उन्होंने मुझे स्टोरी के संदर्भ में कई महत्वपूर्ण बातें बताईं, आज उस स्टोरी का वीडियो पब्लिश करने की सोच रहा था कि अचानक फेसबुक पर वेद प्रताप वैदिक के निधन की खबर देखी.
पहले तो लगा कोई फेक न्यूज है, तो मैंने तुरंत उनके नंबर पर कॉल किया तो फोन स्विच ऑफ बताया. इसके बाद मैंने एक परिचित से न्यूज कन्फर्म की. उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई.
ये खबर सुनकर कुछ समय के लिए मैं ठिठक गया. सदमा ऐसा था कि समझ नहीं रहा था कि क्या प्रतिक्रिया दूं. 13 मार्च को ही दोपहर के करीब 12:41 बजे उन्होंने मुझे एक आर्टिकल "कश्मीर पर भुट्टो की निराशा" लिखकर व्हाट्सएप (Whats App) किया था. उसके बाद से बात नहीं हुई. आज उनके निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं.
जब भी उन्हें फोन करता था तो बड़े प्रेम से बात करते थे और एक-एक चीज को बहुत ही सरलता से समझाते थे. आज ही उनको फोन करने की सोच रहा था लेकिन दुर्भाग्यवश अब ऐसा कभी नहीं हो सकेगा. वेद प्रताप वैदिक अब सिर्फ हमारी यादों में रहेंगे.
कौन हैं वेद प्रताप वैदिक?
78 वर्षीय वेद प्रताप वैदिक का जन्म 30 दिसंबर 1944 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था. वह राजनीतिक विश्लेषक और स्वतंत्र स्तंभकार थे. वो नियमित रूप से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपने विचार लिखते थे. वर्तमान में वो भारतीय भाषा सम्मेलन के चेयरमैन थे. 2014 में पाकिस्तान दौरे पर उनका आतंकी हाफिज सईद का लिया गया इंटरव्यू काफी चर्चा में था.
कई मीडिया संस्थानों में रहे थे संपादक
वेद प्रताप वैदिक न्यूज एजेंसी भाष के संस्थापक संपादक थे. वो नवभारत टाइम्स के भी संपादक रहे. अपने लंबे पत्रकारिता जीवन में उन्हें कई बड़े अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था. उनके निधन पर कई दिग्गजों ने श्रद्धांजलि दी.
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