वेंकैया नायडू देश के 13वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं. उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साथ कई बड़े मंत्री भी मौजूद थे.
वहीं, इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेंकैया नायडू की तारीफ करते हुए कहा कि वो पहले ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जो आजाद भारत में पैदा हुए. साथ ही वो सदन की बारीकियों से भी अच्छी तरह वाकिफ हैं.
‘नायडू किसान के बेटे’
पीएम मोदी ने कहा, “नायडू किसान के बेटे हैं और किसान, खेत, खलियान की समस्या अच्छे से जानते हैं. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का तोहफा अगर देश को किसी ने दिया है तो वो वेंकैया जी ने ही दिया है.” वहीं नायडू की तारीफ करते-करते पीएम मोदी शायरी के मूड में भी नजर आएं.
पीएम मोदी एक शेर पढ़ते हुए कहा-
अमल करो ऐसा सदन में, जहां से गुजरे तुम्हारी नजरें, उधर से तुम्हे सलाम आए.
आज संसद के मॉनसून सत्र का आखिरी दिन है. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू अब राज्यसभा के सभापति भी बन गए हैं.
नायडू का राजनीतिक करियर
शपथ से पहले नायडू ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि दी. इसके बाद वो दीनदयाल उपाध्याय और सरदार पटेल को भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार वैंकैया नायडू को 516 वोट मिले थे, वहीं उनके प्रतिद्वंदी विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को 244 वोट मिले थे.
भारत में अल्पसंख्यक पूरी तरह सुरक्षित: नायडू
गुरुवार को वेंकैया नायडू ने बिना नाम लिए अंसारी के बयान पर निशाना साधा. उन्होंने देश में अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा की भावना होने की बात को महज राजनीतिक प्रचार बताकर खारिज कर दिया. वेंकैया नायडू ने कहा
कुछ लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं. ये एक राजनीतिक प्रचार है. पूरी दुनिया के मुकाबले अल्पसंख्यक भारत में ज्यादा सकुशल और सुरक्षित हैं और उन्हें उनका हक मिलता है.
उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं हुआ.
अगर आप एक समुदाय को अलग कर के देखेंगे तो दूसरे समुदाय इसे अन्यथा लेंगे. इसलिए हम कहते हैं कि सभी समान हैं. किसी का तुष्टिकरण नहीं सभी के लिए न्याय.वेंकैया नायडू
सरकार को नसीहत
दरअसल, उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी के कार्यकाल का गुरुवार को आखिरी दिन था. एक दिन पहले ही उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास है. उनमें असुरक्षा की भावना घर कर रही है. अपने कार्यकाल के आखिरी दिन भी अंसारी ने राज्यसभा में कहा कि किसी भी लोकतंत्र की पहचान उसमें अल्पसंख्यकों को मिली सुरक्षा से होती है.
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