16 दिसंबर 1971 भारत के इतिहास की वो तारीख जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.वह तारीख जिस दिन भारत -पाकिस्तान(Indo-Pak) युद्ध में भारत की सबसे बड़ी जीत हुई. 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया था, जिसके बाद इस युद्ध की शुरूआत हुई और महज 13 दिन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को झुका दिया. इस युद्ध में भारतीय सेना का लोहा मानते हुए पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना के आगे घुटने टेक दिए.चलिए जानते हैं भारत ने कैसे महज 13 दिन में पाकिस्तान को झुका दिया.
ऐसे हुई शुरूआत
3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी एयरफोर्स ने भारत के पश्चिमी क्षेत्रों पर हमला कर दिया. इसके बाद, 4 दिसंबर की सुबह तक भारत ने युद्ध का ऐलान कर दिया
भारतीय वायुसेना ने दिखाया अपना शौर्य
दो हफ्ते के दौरान भारतीय वायुसेना ने भी पाकिस्तानी बेसों पर हमला किया. इसके बाद वायुसेना के चार हंटर विमानों ने राजस्थान के लोंगेवाला स्थित हथियारबंद रेजिमेंट को खत्म कर दिया.वायुसेना ने पश्चिमी पाकिस्तान में दुश्मन के रेल संचार को भी पूरी तरह खत्म कर दिया.
अमेरिका भी रोक नहीं सका
निक्सन ने पाकिस्तान की मदद के लिए अमेरिका की सातवीं फ्लीट को बंगाल की खाड़ी में भेज दिया. इसके बाद भारत ने USSR से इंडो-सोवियत सुरक्षा समझौते के तहत मदद मांगी.रूस ने अपनी एक फ्लीट बंगाल की खाड़ी के लिए रवाना कर दी.रूस की फ्लीट को देखकर अमेरिका भी कुछ नहीं कर पाया.
13 दिन में भारत ने जीता युद्ध
16 दिसंबर 1971 को जनरल एए खान नियाजी ने ढाका को सरेंडर कर दिया.नियाजी ने लेफ्टिनेंट जनरल जेएस अरोड़ा के सामने इंस्ट्रूमेंट ऑफ सरेंडर साइन किया.महज 13 दिन के युद्ध में एक नए स्वतंत्र देश बांग्लादेश का निर्माण हुआ.
16 दिसंबर की शाम 5 बजे जनरल सैम मानेकशॉ ने इंदिरा गांधी को फोन करके बताया कि ढाका अब मुक्त है.इंदिरा इसके बाद संसद गईं और कहा, “ढाका अब एक आजाद देश की राजधानी है.
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