अपनी आलीशान जिंदगी के लिए मशहूर विजय माल्या को अब आम लोगों की तरह सोच समझकर पैसे खर्च करने होंगे. भगोड़े कारोबारी माल्या की ब्रिटेन में मौजूद संपत्ति को वहां की अदालत ने फ्रीज कर दी है. और उनके खर्च की लिमिट तय कर दी है. इसके तहत अब माल्या हर हफ्ते पांच हजार पाउंड ही खर्च कर सकेंगे.
माल्या ने अदालत से इस राशि को बढ़ाकर 20 हजार पाउंड करने का अनुरोध किया था. लेकिन अदालत ने इससे इंकार कर दिया.
बैंकों की तरफ से संपत्ति जब्त करने की याचिका
ब्रिटेन के हाईकोर्ट में पेश दस्तावेज के मुताबिक, 13 भारतीय बैंकों ने विजय माल्या के खिलाफ कर्ज नहीं चुका पाने को लेकर उनकी ब्रिटेन स्थित 10 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त करने का मामला दायर किया है.
दस्तावेज के मुताबिक, इस मामले की सुनवाई 11 अप्रैल 2018 को शुरू होगी और दो दिन के भीतर इसका फैसला आएगा. उनके प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में चल रही है.
बैंकों का कर्ज न चुकाने के मामले में विजय माल्या को भारत की तरफ से भगोड़ा घोषित किया जा चुका है. इसके खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है. उन पर 17 बैंकों के 9,432 करोड़ रुपये का बकाया है.
माल्या पर धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग का आरोप है और वे इस समय यहां जमानत पर चल रहे हैं. मार्च 2016 में भारत से भागकर ब्रिटेन चले गए थे. हालांकि माल्या ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को नकारा है और कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है.
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माल्या केस में कब क्या हुआ ?
- 2 मार्च 2016 को विजय माल्या भारत छोड़कर ब्रिटेन फरार.
- माल्या ने बकाया लोन के वन टाइम सेटलमेंट के लिए बैंकों से बातचीत की पेशकश की. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की भी मांग की.
- बैंकों ने अप्रैल 2016 में ही माल्या को 6,866 करोड़ रुपये बकाया राशि के भुगतान का प्रस्ताव दिया.
- 9 फरवरी 2017 को भारत सरकार ने ब्रिटेन के हाई कमीशन से विजय माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की.
- विजय माल्या के प्रत्यर्पण की मांग को ब्रिटेन की सरकार ने मंजूर किया. भारत के आग्रह को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में भेज दिया गया.
- 12 अप्रैल 2017 को दिल्ली कोर्ट ने माल्या के खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट जारी किया.
- 18 अप्रैल को लंदन में विजय माल्या की गिरफ्तारी, वेस्टमिंस्टर कोर्ट से जमानत पर रिहा.
- 3 अक्टूबर को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में हुई गिरफ्तारी और फिर जमानत मिल गई.
- 4 दिसंबर से मामले की सुनवाई चल रही है वेस्टमिंस्टर कोर्ट में.
(इनपुटः टाइम्स ऑफ इंडिया से)
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