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Vistara Crisis: बार-बार क्यों कैंसिल हो रहीं एयरलाइंस की उड़ानें? जानिए पूरा विवाद

Vistara Crisis: अचानक विस्तारा के साथ ऐसा क्यों हो रहा है? एयरलाइन कंपनी किस तरह के संकट से जूझ रही है.

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टाटा (TATA) की प्रीमियम एयरलाइन विस्तारा (Vistara) इन दिनों सुर्खियों में है. पिछले एक हफ्ते में विस्तारा की 110 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द हुईं जबकि 160 से ज्यादा फ्लाइट्स लेट हो गईं. 3 अप्रैल को ही 10 फ्लाइट्स रद्द की गईं. वहीं 1 अप्रैल को करीब 50 फ्लाइट्स कैसिंल हो गईं थीं.

लेकिन सवाल ये है कि अचानक विस्तारा के साथ ऐसा क्यों हो रहा है? एयरलाइन कंपनी (Airline Company) आखिर किस तरह के संकट से जूझ रही है. सभी पहलुओं पर एक नजर.

Vistara Crisis: बार-बार क्यों कैंसिल हो रहीं एयरलाइंस की उड़ानें? जानिए पूरा विवाद

  1. 1. विस्तारा ने क्या बताया?

    पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर विस्तारा फ्लाइट्स के कैंसल होने या लेट होने को लेकर कई शिकायतें देखने को मिल रही हैं. डीजीसीए के अनुसार, एयरलाइन के बाजार में 9.1% की हिस्सेदारी रखने वाली विस्तारा अगर बढ़ती मांग के बीच अचानक ऐसा करेगी तो जाहिर है, यात्रियों का गुस्सा फुटेगा.

    विस्तारा ने बताया है कि एयरलाइन इस समय क्रू (स्टाफ) की कमी से जूझ रही है. कंपनी ने कहा है कि पायलट की भारी कमी के कारण उड़ानों में कटौती करने का फैसला किया गया है. कंपनी ने कहा है कि यात्री चाहे तो दूसरी फ्लाइट में शिफ्ट हो सकते हैं या पूरा रिफंड भी ले सकते हैं.

    विस्तारा ने कहा है कि समस्या को कम करने के लिए बड़े एयरक्राफ्ट तैनात किए गए हैं जैसे ड्रीमलाइनर एयरक्राफ्ट. ड्रीमलाइनर एयरक्राफ्ट वो होते हैं जहां एक लाइन में 9 सीटें (3-3-3) होती हैं. आमतौर पर एक एयरक्राफ्ट की एक लाइन में 6 सीटें (3-3) होती हैं.
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  2. 2. अचानक क्यों हो रही पायलट की कमी? 

    विस्तारा में उड़ानों को रद्द करने के पीछे सबसे बड़ा कारण पायलट की भारी कमी है. दरअसल, विस्तारा के पायलटों ने एक साथ बड़ी संख्या में छुट्टी (Sick Leave) ले ली है.

    बता दें, पायलटों का एक साथ छुट्टी पर चले जाना उनके विरोध प्रदर्शन का तरीका है.

    हुआ ये है कि टाटा समूह अपनी एयर इंडिया और विस्तारा का विलय (मर्जर) कर रहे हैं. टाटा समूह ने इस विलय की आधिकारिक घोषणा भी कर दी है. ये विलय 2025 तक पूरा हो सकता है. विलय के बाद पायलट को सैलरी देने की व्यवस्था (Pay Structure) में बदलाव किया जा रहा है और विस्तारा के पायलट इसी बदलाव के खिलाफ हैं.
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  3. 3. नई व्यवस्था में पायलट को कितना पैसा मिलेगा?   

    नई व्यवस्था में विस्तारा के पायलट को मिलने वाले मिनिमम गारंटी फ्लाइंग अलाउंस में कमी लाई जाएगी.

    एयरलाइन पायलट के लिए हफ्ते में कितने घंटे उड़ान भरनी है - वो घंटे तय किए जाते हैं. विस्तारा में ये घंटे 70 हैं. यानी हफ्तेभर में एक पायलट को 70 घंटे उड़ान भरनी होती है. अगर वे इससे ज्यादा काम करते हैं तो उन्हें ज्यादा पैसा मिलता है लेकिन इससे कम काम करने पर मिनिमम अलाउंस तो दिया ही जाता है.

    लेकिन अब विस्तारा ने इन 70 घंटों को घटा कर 40 घंटे कर दिया है. इससे कि उन्हें मिलने वाले अलाउंस में कमी आएगी और कुल मिलाकर इससे पायलट की सैलरी पर प्रभाव पड़ेगा. उनकी सैलरी में कमी आ जाएगी. विस्तारा के पायलट इसीलिए इस व्यवस्था के खिलाफ हैं.

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  4. 4. सरकार ने क्या एक्शन लिया?

    सिविल एविएशन मंत्रालय ने विस्तारा से एक डिटेल रिपोर्ट मांगी हैं जिसमें विस्तारा को बताना होगा कि उनकी फ्लाइट्स कैंसिल क्यों हो रही हैं. साथ ही उन्हें लेट होने का कारण भी देना होगा.

    बता दें कि भारी संख्या में मंत्रालय के पास विस्तारा की शिकायतें दर्ज हुई हैं.

    इतना ही नहीं, विस्तारा को रोजाना डीजीसीए को बताना होगा कि उनकी कितनी उड़ानें रद्द हो रही हैं और कितनी देरी से चल रही हैं.

    (क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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विस्तारा ने क्या बताया?

पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर विस्तारा फ्लाइट्स के कैंसल होने या लेट होने को लेकर कई शिकायतें देखने को मिल रही हैं. डीजीसीए के अनुसार, एयरलाइन के बाजार में 9.1% की हिस्सेदारी रखने वाली विस्तारा अगर बढ़ती मांग के बीच अचानक ऐसा करेगी तो जाहिर है, यात्रियों का गुस्सा फुटेगा.

विस्तारा ने बताया है कि एयरलाइन इस समय क्रू (स्टाफ) की कमी से जूझ रही है. कंपनी ने कहा है कि पायलट की भारी कमी के कारण उड़ानों में कटौती करने का फैसला किया गया है. कंपनी ने कहा है कि यात्री चाहे तो दूसरी फ्लाइट में शिफ्ट हो सकते हैं या पूरा रिफंड भी ले सकते हैं.

विस्तारा ने कहा है कि समस्या को कम करने के लिए बड़े एयरक्राफ्ट तैनात किए गए हैं जैसे ड्रीमलाइनर एयरक्राफ्ट. ड्रीमलाइनर एयरक्राफ्ट वो होते हैं जहां एक लाइन में 9 सीटें (3-3-3) होती हैं. आमतौर पर एक एयरक्राफ्ट की एक लाइन में 6 सीटें (3-3) होती हैं.
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अचानक क्यों हो रही पायलट की कमी? 

विस्तारा में उड़ानों को रद्द करने के पीछे सबसे बड़ा कारण पायलट की भारी कमी है. दरअसल, विस्तारा के पायलटों ने एक साथ बड़ी संख्या में छुट्टी (Sick Leave) ले ली है.

बता दें, पायलटों का एक साथ छुट्टी पर चले जाना उनके विरोध प्रदर्शन का तरीका है.

हुआ ये है कि टाटा समूह अपनी एयर इंडिया और विस्तारा का विलय (मर्जर) कर रहे हैं. टाटा समूह ने इस विलय की आधिकारिक घोषणा भी कर दी है. ये विलय 2025 तक पूरा हो सकता है. विलय के बाद पायलट को सैलरी देने की व्यवस्था (Pay Structure) में बदलाव किया जा रहा है और विस्तारा के पायलट इसी बदलाव के खिलाफ हैं.

नई व्यवस्था में पायलट को कितना पैसा मिलेगा?   

नई व्यवस्था में विस्तारा के पायलट को मिलने वाले मिनिमम गारंटी फ्लाइंग अलाउंस में कमी लाई जाएगी.

एयरलाइन पायलट के लिए हफ्ते में कितने घंटे उड़ान भरनी है - वो घंटे तय किए जाते हैं. विस्तारा में ये घंटे 70 हैं. यानी हफ्तेभर में एक पायलट को 70 घंटे उड़ान भरनी होती है. अगर वे इससे ज्यादा काम करते हैं तो उन्हें ज्यादा पैसा मिलता है लेकिन इससे कम काम करने पर मिनिमम अलाउंस तो दिया ही जाता है.

लेकिन अब विस्तारा ने इन 70 घंटों को घटा कर 40 घंटे कर दिया है. इससे कि उन्हें मिलने वाले अलाउंस में कमी आएगी और कुल मिलाकर इससे पायलट की सैलरी पर प्रभाव पड़ेगा. उनकी सैलरी में कमी आ जाएगी. विस्तारा के पायलट इसीलिए इस व्यवस्था के खिलाफ हैं.

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सरकार ने क्या एक्शन लिया?

सिविल एविएशन मंत्रालय ने विस्तारा से एक डिटेल रिपोर्ट मांगी हैं जिसमें विस्तारा को बताना होगा कि उनकी फ्लाइट्स कैंसिल क्यों हो रही हैं. साथ ही उन्हें लेट होने का कारण भी देना होगा.

बता दें कि भारी संख्या में मंत्रालय के पास विस्तारा की शिकायतें दर्ज हुई हैं.

इतना ही नहीं, विस्तारा को रोजाना डीजीसीए को बताना होगा कि उनकी कितनी उड़ानें रद्द हो रही हैं और कितनी देरी से चल रही हैं.

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