हाई प्रोफाइल फोन टेपिंग के आरोपों से घिरे एस्सार ग्रुप ने आरोप को गलत बताया है. इंडियन एक्सप्रेस ने ग्रुप पर एक रिपोर्ट के जरिए आरोप लगाया था कि उसने 2001 से 2006 के बीच कई हाई प्रोफाइल व्यवसायियों, राजनेताओं और नौकरशाहों के फोन टेप किए हैं.
दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के वकील सुरेन उप्पल ने 1 जून को एक 29 पन्नों की शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रस्तुत की थी. उन्होंने पूर्व एस्सार कर्मचारी और इस मामले के व्हिसल ब्लोअर अल्बासित खान के प्रतिनिधि के तौर पर खुद को पेश किया था. उप्पल ने कहा कि उनके पास टेलीफोन पर बातचीत के सैंकड़ों रिकॉर्ड है जिससे पता चलता है कि कैसे बिजनेसमैन गलत तरीके से राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों को अपने पक्ष में करते हैं.
उप्पल ने 2 मार्च 2016 को एस्सार ग्रुप को एक ‘कॅाशन नोटिस’ जारी कर फोन टेपिंग मामले में कार्रवाई करने की वार्निंग दी थी.
17 मार्च 2016 को द क्विंट के साथ बातचीत में एस्सार ग्रुप ने इन सभी आरोपों से इनकार किया था.
हमारे क्लाइंट हर आरोप और बयान से इनकार करते हैं जो आपके क्लाइंट ने ‘कॅाशन नोटिस के जरिए हमपर लगाई है. आरोप पूरी तरह से झूठ और गलत हैं. जाहिर है ये झूठे और गलत आरोप हमारे ग्राहकों पर दबाव डालने और नुकसान करने के दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य से लगाए गए हैं.सुरेन उप्पल के लिए एस्सार ग्रुप का जवाब
उप्पल ने आरोप लगाया था कि एस्सार ग्रुप सहायक कंपनियों के सर्वर - बीपीएल कम्यूनिकेशन (अब लूप मोबाइल के रूप में जाना जाता है) और हचिसन को फोन टेप करने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे.
उन्होंने बताया कि मामले का खुलासा करने वाले एंप्लॅाय को एस्सार के शीर्ष मालिक ने निर्देश देते हुए कहा था कि यह ऑपरेशन सरकार के निर्देश के अनुसार आगे बढ़ना चाहिए.
एस्सार ग्रुप ने उप्पल को गलत बताते हुए कहा कि उनकी ये धारणा कि बीपीएल कम्यूनिकेशन या हचिसन हमारे कंट्रोल में है, ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ है.
यह आरोप कि हमारे क्लाइंट ने आपके क्लाइंट को यह बताया है कि शिशिर अग्रवाल सैन्य ताकतों का गलत इस्तेमाल कर आपरेशन में मदद की है, गलत है. हमारे क्लाइंट ने शिशिर अग्रवाल के साथ बैठक की है जिसमें उन्होंने 2015 में आपके क्लाइंट के साथ किसी भी बैठक से इनकार किया है. ये सब एक मनगढ़ंत कहानी है.एस्सार ग्रुप
एस्सार ग्रुप ने उप्पल और व्हिसल ब्लोअर के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने की वार्निंग दी है.
19 मार्च 2016 को उप्पल की प्रतिक्रिया:
ऑफिशियल बयान पढ़कर लगता है कि कंपनी अस्पष्ट और काफी महीन रूप से उन आरोपों पर अपनी सहमति देते दिख रही है जो उनपर लगाए गए हैं.एस्साप ग्रुप को सुरेन उप्पल की तरफ से भेजा गया जवाब
उप्पल ने कहा कि इस मामले पर अब तक प्रधानमंत्री कार्यालय से किसी भी तरह की सूचना नहीं मिली है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)