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EXCLUSIVE: क्या SIMI के कैदी एनकाउंटर से पहले जेल में पकड़े गए थे?

अगर सीसीटीवी कैमरे ठीक से काम कर रहे थे तो इसमें कोई शक नहीं है कि भागने वाले आरोपी कैमरे में कैद न हुए हों

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मध्य प्रदेश पुलिस और राज्य की बीजेपी सरकार भले ही जेलब्रेक और फिर एनकाउंटर की एक मजेदार कहानी सुना रही है, जेल से भागे 8 सिमी आतंकियों को मार गिराने पर अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन इस पर शक जताया जा रहा है. ये भी कहा जा रहा है कि इन अंडरट्रायल आतंकियों को जेल के अंदर ही पकड़ लिया गया था. और वो भी भोपाल से 30 किलोमीटर दूर मानीखेड़ी पत्थर गांव में एनकाउंटर से काफी पहले.

इस ऑपरेशन पर पुलिस कुछ भी जानकारी नहीं दे रही, कैसे 8 सिमी आतंकियों का एनकाउंटर किया गया इसके बारे में कुछ नहीं बता रही, इनमें से तीन आरोपी अगस्त 2013 में खांडवा जेल से भी भाग चुके हैं.

भोपाल में द क्विंट के सूत्र बताते हैं कि ये कैदी जेल से भागने की कोशिश में एक अधिकारी को बुरी तरह से घायल कर गए. रमाशंकर की मौत हो गई है.

रमाशंकर को मारने के बाद सिमी कैदियों को जेल से कुछ दूरी पर मुख्य गेट पर गिरफ्तार कर लिया गया था.
एक सूत्र ने द क्विंट को बताया

सूत्रों ने ये भी बताया कि ड्राई फ्रूट, कपड़े और देसी कट्टों की बरामदगी से साफ है पुलिस लीपापोती के चक्कर में है. और इसमें पुलिस के साथ राज्य की बीजेपी सरकार भी शामिल है.

सूत्रों ने ये भी बताया कि ये बेहद अहम है कि पता लगाया जाए कि जेल में 360 डिग्री कैमरे सही तरीके से काम कर रहे थे या नहीं. s.

अगर कैमरे सही काम कर रहे थे, तो इसमें कोई शक नहीं है कि भागने वाले आरोपी की तस्वीरें कैमरे में कैद न हुई हो.

सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि जेल से भागने के आठ नौ घंटे के भीतर ही कैदियों को 3 देसी कट्टे कहां से मिले?

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