पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी भी अब 2021 में होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी मैदान में कूद गई हैं. 29 दिसंबर को उन्होंने बीरभूम जिले के बोलपुर से पैदल यात्रा निकाली और चुनावी रैली को भी संबोधित किया. उनकी पैदल यात्रा से लेकर भाषण में बंगाली संस्कृति पर खासा जोर दिखा. बता दें कि अभी कुछ दिन पहले बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के इसी बीरभूम जिले में विशाल रैली की थी.
बीरभूम जिले के बोलपुर में ममता बनर्जी ने कहा कि- 'आप कुछ विधायक खरीद सकते हो, लेकिन टीएमसी को नहीं खरीद सकते'. इसके अलावा ममता ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए हुए
बंगाल की संस्कृति को मिटाने के लिए षड्यंत्र रचा जा रहा है. हिंसा और बांटने की राजनीति बंद होनी चाहिए. मुझे बहुत बुरा लगता है जब विश्व भारती में सांप्रदायिक राजनीति कराने की कोशिश की जाती है. जो लोग गांधी का सम्मान नहीं करते वो अब सोनार बांग्ला बनाने की बात कर रहे हैं.ममता बनर्जी
ममता का रैली को संबोधन
बोलपुर और शांतिनिकेतन के इर्द-गिर्द हो रही राजनीति
विधानसभा चुनाव से पहले अब तक हुई राजनीति बोलपुर और शांतिनिकेतन के इर्द-गिर्द होती दिख रही है. अमित शाह ने शांति निकेतन का दौरा किया और पीएम मोदी ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विश्वभारती यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह को संबोधित किया. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ममता बनर्जी का बीरभूम और बोलपुर का दो दिन का कार्यक्रम है.
पीएम के भाषण में टीएमसी और ममता थे निशाने पर
25 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और लेफ्ट पर जमकर हमला बोला था. इस मौके पर पीएम ने कहा कि मुझे इस बात का अफसोस है कि पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है. बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं, लेकिन राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है.
स्वार्थ की राजनीति करने वालों को जनता बहुत बारीकी से देख रही है, जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते वो दल यहां किसान के नाम पर दिल्ली के नागरिकों को परेशान करने में लगे हुए हैं, देश की अर्थनीति को बर्बाद करने में लगे हुए हैं.पीएम मोदी
बता दें कि बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए चुनावी दलों में रस्साकशी शुरू हो गई है. देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी इस चुनाव को बेहद गंभीरता से लड़ रही है और माना भी जा रहा है कि फिलहाल बंगाल की सत्ता पर काबिज ममता के नेतृत्व वाली टीएमसी के लिए बीजेपी एक बड़ी चुनौती है. ऐसे में अब ममता बनर्जी के लिए जरूरी हो गया है कि मैदान में उतरकर बीजेपी को राजनीतिक अखाड़े में जवाब दिया जाए.
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