भारत निर्वाचन आयोग ने रविवार को भाजपा नेता सायंतनु बसु और तृणमूल कांग्रेस नेता सुजाता मंडल को उनकी हालिया टिप्पणियों के लिए 24 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया. यह प्रतिबंध रविवार को शाम 7 बजे से सोमवार को शाम 7 बजे तक प्रभावी है.
बसु को सितलकुची हिंसा पर टिप्पणी के लिए चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया गया. हिंसा में पांच लोगों की जान चली गई थी, जबकि सुजाता मंडल ने अनुसूची जाति (एससी) समुदाय के खिलाफ टिप्पणी करने के कारण प्रतिबंधित किया गया.
चुनाव आयोग ने पाया कि बसु ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के सामान्य आचरण का उल्लंघन किया है और अत्यधिक उत्तेजक टिप्पणियां की हैं, जिससे कानून और व्यवस्था के सामान्य रखरखाव पर बहुत गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
“सायंतनु बसु को सख्त चेतावनी दी गई है और उनकी कड़ी निंदा की गई है. उन्हें आदर्श आचार संहिता लागू रहने की अवधि के दौरान किसी तरह की सार्वजनिक बयानबाजी करने से बाज आने की सलाह दी गई है. उन पर प्रतिबंध 18 अप्रैल को सुबह 7 बजे से 19 अप्रैल को शाम 7 बजे तक यानी 24 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया है. इस दौरान उन्हें प्रचार अभियान चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.”चुनाव आयोग
सुजाता मंडल को चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित करते हुए चुनाव आयोग ने पाया कि उनकी टिप्पणी पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय को बदनाम करने वाली है और इस बात पर विचार किया जा रहा है कि उन्होंने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. उनके बयान से विभिन्न जातियों के बीच तनाव पैदा हो सकता है, जिसका चुनाव प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
आयोग ने सुजाता को भी इस तरह के बयान देने से बाज आने की चेतावनी दी है और 18 अप्रैल की सुबह 7 बजे से 19 अप्रैल की शाम 7 बजे तक चुनाव प्रचार करने से रोक दिया है.
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