पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने 18 अगस्त को कहा कि उनकी सरकार अफगानिस्तान (Afghanistan) में अभी भी फंसे राज्य के 200 से अधिक लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए केंद्र के साथ सहयोग कर रही है और केंद्र उन्हें वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास करे. उन्होंने कहा कि इसमें पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग, कलिम्पोंग और तराई के लोग हैं जो अफगानिस्तान में काम कर रहे थे.
18 अगस्त को सीएम ममता बनर्जी ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अफगानिस्तान में फंसे राज्य के लोगों को वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय (एमईए) को पत्र लिखेंगे.
अफगानिस्तान संकट को एक बड़ी समस्या बताते हुए उन्होंने कहा, कि "हमें पहले भारतीयों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए."
यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र की बीजेपी सरकार को अफगानिस्तान में मानवीय संकट को देखते हुए उसे अपने इमीग्रेशन पॉलिसी पर फिर से विचार करना चाहिए, सीएम ममता बनर्जी ने कहा,
"यह एक संवेदनशील मुद्दा है और एक प्रमुख नीतिगत निर्णय है. विदेश मंत्रालय इस संकट की स्थिति की निगरानी कर रहा है. इसमें तालिबान,अमेरिका, चीन, रूस जैसे तमाम संदर्भ हैं. मुझे इस पर वर्तमान में कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए"
अफगानिस्तान में फंसे लोगों पर राज्य के जिलाधिकारियों से मांगी थी रिपोर्ट
इससे पहले राज्य सरकार ने जिलाधिकारियों को यह पता लगाने के लिए कहा गया था कि क्या अफगानिस्तान में बंगाल का कोई व्यक्ति फंसा है ?
राज्य सचिवालय ने उस व्यक्ति का नाम और पता एकत्र करने और जमा करने का भी निर्देश दिया. हालांकि, यदि परिवार के किसी सदस्य की सूचना जिलाधिकारी या संबंधित थाने को दी जाती है तो तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश गया है. फंसे व्यक्ति के नाम और पते सहित पूरी जानकारी इकट्ठा कर दिल्ली को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था.
अफगानिस्तान में अब भी फंसे भारत के कई लोग
विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा था कि "हम अफगानिस्तान में वहां की बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए सभी भारतीय नागरिकों के लिए समय-समय पर यात्रा और सुरक्षा सलाह जारी कर रहे हैं. पहले से ही अफगानिस्तान में रहने वालों से तुरंत लौटने का आग्रह किया गया था, जबकि अन्य को वहां यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई थी".
गौरतलब है कि 17 अगस्त को एक स्पेशल C-17 फ्लाइट से अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित दूतावास कर्मचारियों और सुरक्षा बलों को भारत सुरक्षित लाया गया. हालांकि अभी भी वहा बड़ी तादाद में भारतीय फंसे हुए हैं.
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