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WhatsApp लाएगा नया फीचर, Fake मैसेज पर चिपकेगा ‘संदेहजनक’ का लेबल

कंपनी एक ऐसे फीचर पर टेस्टिंग कर रही है जो किसी भी झूठे मैसेज पर अपने आप ‘suspicious’ मार्क कर देगा

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झूठे और फेक मैसेज को रोकने के लिए वॉट्सऐप अब एक कमाल का फीचर ला सकता है. कंपनी एक ऐसे फीचर पर टेस्टिंग कर रही है जो किसी भी झूठे मैसेज पर अपने आप ‘suspicious’ मार्क कर देगा. उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति किसी को फेक न्यूज भेजेगा तो वॉट्सऐप अपने आप उस मैसेज को रिसीव करने वाले की स्क्रीन पर मैसेज के ऊपर ‘suspicious’ लिख देगा. Suspicious का मतलब है संदेहजनक.

वॉट्सएप का सबसे बड़ा मार्केट भारत है और इस वक्त इस ऐप के जरिए बहुत ज्यादा फेक न्यूज फैलाई जा रही है. हालात ऐसे हो गए हैं कि लोग वॉट्सऐप पर एक झूठा मैसेज पढ़ते हैं या फोटोशॉप हुई तस्वीर देखते हैं और बाहर जाकर किसी की हत्या कर देते हैं. ऐसे में कंपनी इस फीचर के जरिए फेक न्यूज पर लगाम लगाने के बारे में सोच रही है.

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जिस भी फॉरवर्ड मैसेज के लिंक या वेब एड्रेस में कुछ अजीब से कैरेटर होंगे उस पर अपने आप ‘suspicious’ मार्क चिपक जाएगा. जैसे ही कोई स्पैमर, ऐप यूजर को फेक वेबसाइट पर ले जाने की कोशिश करेगा तो ये फीचर यूजर को अलर्ट करेगा. ये फीचर अभी बीटा टेस्टिंग मोड में है और सिर्फ एंड्रॉयड यूजर्स के लिए ही जारी किया जाएगा.
कंपनी एक ऐसे फीचर पर टेस्टिंग कर रही है जो किसी भी झूठे मैसेज पर अपने आप ‘suspicious’ मार्क कर देगा

कंपनी ने पिछले हफ्ते ही ऐलान किया था कि वो एक साथ एक ही मैसेज को सिर्फ 5 लोगों को भेजने का फीचर लेकर आ रही है. ग्लोबल लिमिट 20 लोगों की हैं. हालांकि जब हमने इसे चेक किया तो अभी तक ये फीचर एक्टिव नहीं हुआ है.

इससे पहले वॉट्सऐप ने 10 जुलाई को एक और फीचर रोलआउट किया था. ये फीचर फॉरवर्ड किए गए संदेशों पर फॉरवर्ड का लेबल लगा देता है.

सरकार की WhatsApp को चेतावनी

इससे पहले सरकार ने WhatsApp को चेतावनी दी थी कि अफवाह फैलाने का माध्यम बनने वाले भी दोषी माने जाएंगे और मूक दर्शक बने रहने पर उन्हें भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. सरकार इससे पहले भी WhatsApp को इस तरह की खबरों और संदेशों पर रोक लगाने के लिए चेतावनी दे चुकी है.

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, 'बुरे तत्व जब अफवाहें या फर्जी खबरें फैलाते हैं तो उनके प्रोपेगेंड़ा का माध्यम बनने वाले जिम्मेदारी और जवाबदेही से नहीं बच सकते. अगर वे मूकदर्शक बने रहते हैं तो उन्हें भी साजिश का हिस्सा माना जाएगा और फिर उन्हें आगे की कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा’

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