पूरी दुनिया कोरोना से बढ़े खतरे के बीच बच्चों के लिए COVID-19 वैक्सीन अगस्त तक शुरू होने की संभावना है, संसद में हुई एक बैठक के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि, अगले महीने तक बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा.
न्यूज़ एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कथित तौर पर कहा, "हम अगले महीने से बच्चों का टीकाकरण शुरू कर देंगे."
यह बयान तब आया है जब बच्चों पर कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के प्रभाव को लेकर सवाल और चिंताएं बढ़ रही हैं. अब तक, प्रत्येक नागरिक जो 18 वर्ष या उससे अधिक का है, वैक्सीन शॉट ले सकता है.
बच्चों के लिए कौन से टीके उपलब्ध हैं? उन्हें शॉट कब मिल सकता है? टीकों के ट्रायल पर क्या अपडेट है? वो सब हम आपको बताते हैं.
भारत में बच्चों के लिए कौन से टीके उपलब्ध हैं?
भारत में, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और जॉयडस कैडिला ट्रायल फेज में हैं. एम्स प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने ANI को बताया कि सितंबर तक कोवैक्सिन परीक्षणों के अंतिम परिणाम आने की उम्मीद है.
बच्चों की उम्र के हिसाब से टीके का ट्रायल तीन चरणों में किया जा रहा है. पहला परीक्षण 12 से 18 वर्ष के आयु वर्ग में आयोजित किया गया था, इसके बाद 6 से 12 वर्ष के आयु वर्ग में किया गया था. वर्तमान में, 2-6 वर्ष की आयु के लिए परीक्षण चल रहे हैं.
अहमदाबाद स्थित कंपनी जायडस कैडिला ने 12 से 18 साल के बच्चों के लिए अपना परीक्षण समाप्त कर लिया है और अपने प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (EUA) के लिए कहा है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, डॉ गुलेरिया ने कहा कि भारत में बच्चों के लिए फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन भी एक विकल्प हो सकता है.
फाइजर या एस्ट्राजेनेका के बारे में क्या? क्या उनके टीके बच्चों को दिए जाने के लिए सुरक्षित हैं?
WHO के स्ट्रैटेजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स (SAGE) के अनुसार फाइजर-बायोएनटेक 12 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों द्वारा उपयोग के लिए सुरक्षित है. इसे अमेरिकी फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से 12 से 17 साल के बच्चों पर उपयोग करने के लिए अप्रूवल भी मिला है.
इस साल अप्रैल में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने कहा था कि, दुर्लभ रक्त के थक्कों के डर से बच्चों पर एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का यूके परीक्षण रोक दिया गया है. यूके की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) से पर्याप्त अतिरिक्त डेटा मिलने के बाद ही ट्रायल फिर से शुरू होगा.
क्या COVID-19 के खिलाफ बच्चों का टीकाकरण करना सुरक्षित है?
क्लीनिकल ट्रायल में सुरक्षा हमेशा प्राथमिक चिंता का विषय होता है और इसका ध्यान रखा जाता है. सभी टीकों को सफल परीक्षण के बाद ही मंजूरी मिलती है.
मॉडर्न और फाइजर-बायोएनटेक द्वारा बनाए गए एमआरएनए टीके, और सिनोवैक और सिनोफार्म द्वारा बनाए गए दो चीनी टीकों का परीक्षण 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों में किया गया है और उन्हें सुरक्षित घोषित किया गया है.
भारत में, भारत बायोटेक के कोवैक्सिन और ज़ायडस कैडिला के टीके परीक्षण के चरण में हैं और इस महीने के अंत तक इसे मंजूरी मिलने की संभावना है.
कौन से अन्य देश बच्चों का टीकाकरण कर रहे हैं?
नेचर जर्नल के मुताबिक, विश्व स्तर पर, फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्न, सिनोवैक और सिनोफार्म द्वारा बनाए गए टीकों का 12 साल से ऊपर के बच्चों पर परीक्षण किया गया है.
रूस की स्पुतनिक वी वर्तमान में 12 से 17 साल के वर्ग के बच्चों पर परीक्षण कर रहा है.
अमेरिका, चीन और इस्राइल जैसे देश इस आयु वर्ग के लिए टीके घोषित कर रहे हैं.
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने पहले ही फाइजर को 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों पर इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है. वे 6 महीने से 11 साल के बच्चों पर भी परीक्षण कर रहे हैं.
उन्हें भारत में जैब कब मिल सकता है?
अगर अप्रूवल मिल जाता है, तो 12 से 17 साल के बच्चों को पहले टीका लगाया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, टीकाकरण अगस्त में शुरू होने की संभावना है.
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