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वो कौन हैं जिनकी भारत बंद के दौरान प्रदर्शन में जान गई?

प्रदर्शनकारी किसकी गोलियों का शिकार बने?

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भारत बंद के दौरान हुई हिंसा में 12 लोगों की जानें गईं. इनमें एक पुलिस सब इंस्पेक्टर थे, लेकिन बाकी की मौत प्रदर्शन के वक्त हुई. आखिर ये 11 लोग कौन थे ये जानना भी बहुत जरूरी है.

हालांकि मंगलवार सुबह लोकसभा में दिए बयान में राजनाथ सिंह ने कहा कि सोमवार को भारत बंद के दौरान हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई.

सबसे ज्यादा 8 मौतें मध्य प्रदेश में हुईं. जबकि उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हुई. राजस्थान में बंद के वक्त हिंसा में घायल सब-इंस्पेक्टर की मंगलवार को मौत हो गई.

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मुरैना में मौत

22 साल के राहुल पाठक नामक युवक की मुरैना रेलवे स्टेशन के पास दोपहर को दो समूहों के बीच संघर्ष में गोली लगने से मौत हो गयी.

एबीवीपी नेता राहुल स्थानीय पीजी कॉलेज में छात्रसंघ का सचिव था. परिजनों का आरोप है कि आपसी रंजिश की वजह से उनके बेटे की हत्या की गई.

दरअसल एक हफ्ते पहले क्रिकेट को लेकर पाठक का विवाद हुआ था. आशंका है भीड़ का फायदा उठाकर दुश्मनों ने राहुल को गोली मार दी. बाद में ये अफवाह उड़ाई गई कि एक सवर्ण जाति के युवक की दलितों ने हत्या कर दी.

भिंड में पुलिस की गोली का शिकार

भिण्ड में 40 किलोमीटर दूर मछेन्द्र में गोली लगने से 32 साल के महावीर राजावत की मौत हो गई. महावीर के भाई का कहना है कि वह मिहोना से लौटकर अपने घर जा रहे थे. इसी दौरान पुलिस की फायरिंग हुई. महावीर के सीने में गोली लगने से उनकी मौत हो गई. सोमवार देर रात गोली चलाने वाले मछंड के पुलिसकर्मी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.

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भिण्ड से 17 किलोमीटर दूर मेहगांव में गोलियों का शिकार बने 28 साल के आकाश जाटव. बंद समर्थकों और विरोधियों के बीच संषर्ष में आकाश को गोली लग गई. उन्हें अस्पताल ले जाया गया. लेकिन वहां पर उन्होंने दम तोड़ दिया.
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डबरा में पुलिस फायरिंग का शिकार हुआ युवक

ग्वालियर जिले की डबरा तहसील में प्रदर्शन के दौरान विमल प्रकाश राजौरिया की मौत हो गई. खबरों के मुताबिक, प्रदर्शनकारी थाने को घेर लगाकार आग लगाना चाहते थे. इसी बीच पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी. इस दौरान गोली लगने से विमल की मौत हो गई.

ग्वालियर में में दो की गई जान

ग्वालियर शहर के थाटीपुरा थाना क्षेत्र में हुई हिंसा में 40 साल के राकेश जाटव की गोली लगने से मौत हो गई. भीड़ वाले माहौल में भीम नगर के रहने वाले राकेश को कुछ युवकों ने सीने पर सामने से गोली मार दी. जिस दौरान घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई. राकेश के शवर को लेकर परिजन घटनास्थल पर ही विलाप कर रहे थे बावजूद हिंसा जारी रही.

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ग्वालियर में ही कुम्हरपुरा के रहने वाले 22 साल के दीपक जाटव की भी हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई. दीपक रैली में शामिल होने आए थे, लेकिन भीड़ में चली गोली का शिकार हो गए.
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अलवर में एक की मौत

भारत बंद के दौरान हुई हिंसा में राजस्थान के अलवर में भी एक युवक की मौत हो गई. अलवर के खैरथल में 27 साल के पवन के पिता के मुताबिक पुलिस की गोली से उनके बेटे की मौत हुई. हालांकि पुलिस का दावा है कि उनकी गोली से किसी की मौत नहीं हुई. तो फिर पवन की मौत कैसे हुई? पवन के पिता के मुताबिक हाल ही में उनके बेटे की शादी हुई थी और सोमवार सुबह अपने साले से मिलने जा रहा था. इसी दौरान वह पुलिस की गोली का शिकार हो गया.

मुजफ्फरनगर में मौत

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हिंसक प्रदर्शन के दौरान एक युवक की मौत हो गई. परिवारवालों का आरोप है कि रेलवे स्टेशन पर पथराव के दौरान पुलिस की तरफ से की गई फायरिंग में भोपा थाना के गादला के रहने वाले अमरीश की गोली लगने से मौत हो गई.

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