वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम
महाराष्ट्र में बड़ा सियासी उलटफेर हो गया है. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच सरकार बनाने की बातचीत के बीच बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. वहीं एनसीपी नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.
इस पूरे खेल में अजित पवार का किरदार सबसे अहम नजर आ रहा है. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के भतीजे अजित पवार का राजनीतिक सफर पर डालते हैं एक नजर.
60 साल के अजित पवार, शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव पवार के बेटे हैं. 1982 में पहली बार उन्होंने राजनीति में कदम रखा, जब वे पहली बार कोऑपरेटिव सुगर फैक्टरी के सदस्य बने. 1991 में वे पुणे डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन बने. 16 साल तक वे इस पद पर बने रहे.
इस दौरान वे बारामती से सांसद भी बने. बाद में उन्होंने शरद पवार के लिए यह सीट छोड़ दी. जो 1992 में नरसिंहराव सरकार में रक्षामंत्री बने थे. 1995, 1999, 2004,2009 और 2014 में वे बारामती सीट से चुनाव जीतने में कामयाब रहे.
अजित पवार पहली बार 1991 में सुधाकर नाईक की राज्य सरकार में मंत्री बने थे. बाद में जब 1993 में शरद पवार मुख्यमंत्री बने, तब अजित पवार को कैबिनेट मंत्री बनाया गया.
2010 में अजित पवार को कांग्रेस-एनसीपी की साझा सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया. सितंबर 2012 में एक घोटाले के चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. उनकी पार्टी ने एक श्वेत पत्र जारी कर अजित पवार को क्लीन चिट दी. एनसीपी के दबाव के चलते सात दिसंबर 2012 को ही उन्हें दोबारा उपमुख्यमंत्री बनाया गया.
अब एक बार फिर अजित पवार महाराष्ट्र की राजनीति के केंद्र में हैं. कहा जा रहा है कि 20 से ज्यादा विधायक अजित पवार के साथ हैं.
पढ़ें ये भी: महाराष्ट्र:फडणवीस बने CM,अजित पवार डिप्टी सीएम, PM मोदी ने दी बधाई
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)