बुलंदशहर हत्याकांड में गुरूवार को पुलिस ने प्रशांत नट को गिरफ्तार किया है. 3 दिसंबर को स्थानीय लोगों के साथ पुलिस की झड़प हुई थी, जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या कर दी गई थी. उन्हें सिर में गोली मारी गई थी. घटना के दिन इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के अलावा एक स्थानीय नागरिक सुमित की भी मौत हो गई थी.
द क्विंट की टीम प्रशांत नट के बारे में जानने के लिए उसके गांव चिरंगती का मांडेया पहुंची. बुलंदशहर जिले में स्थित इस गांव को नट गांव के नाम से भी जाना जाता है.
गांव में प्रशांत के पड़ोसियों का कहना है कि वे ये बात पचा नहीं पा रहे हैं कि प्रशांत ने इंस्पेक्टर को गोली मारी है. हालांकि पुलिस का दावा है कि उनके पास वीडियो, चश्मदीद जैसे पर्याप्त सबूत हैं, जो प्रशांत को दोषी ठहराते हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें यह जानकर सदमा लगा कि प्रशांत जैसा लड़का भी किसी को मार सकता है. 65 साल के सतवीर का कहना है कि 'वो हम सब की तरह, ईमानदारी से अपनी रोजी रोटी कमाने की कोशिश कर रहा था. आप हमारे घर देखकर समझ सकते हैं कि हम काफी गरीब हैं.'
सतवीर सिंह आगे कहते हैं, 'सुन रहे हैं हम कि पुलिस बेगुनाहों को उठा रही है.' कई लोगों का दावा है कि प्रशांत केवल संयोग से घटनास्थल के पास मौजूद था. दरअसल प्रशांत की रिश्ते की बहन पिंकी की शादी मेरठ में 11 दिसंबर को थी. इसी सिलसिले में प्रशांत वहां मौजूद था. सतवीर ने बताया, 'भात भरने जाना होता है, जहां कपड़े, कुछ जेवर खरीदने होते हैं.'
घटना के कुछ दिन बाद चिंगरावती और प्रशांत के गांव से कई लोगों ने पलायन शुरू कर दिया. प्रशांत की जानने वाली काजल बताती हैं, ‘हर कोई डरा हुआ था, वे लोग भी निकले, लेकिन मैं जानती हूं कि वो 11 दिसंबर को अपनी बहन की शादी में गया होगा.’
35 साल के सुभाष के मुताबिक, ‘प्रशांत अपने काम से मतलब रखता था और कभी किसी से बेहूदा तरीके से बात तक नहीं करता था. वो कभी किसी झगड़े में शामिल नहीं रहा. इसलिए हम इन बातों पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं.’
प्रशांत का गांव चिगरावती पुलिस पोस्ट से तीन किलोमीटर दूर है. बता दें चिगरावती पुलिस पोस्ट पर ही इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या की गई थी. गांव में करीब 30 घर हैं, जिनमें नट समुदाय के 150 लोग रहते हैं. ज्यादातर लोग मजदूरी करते हैं, लोगों के खेतों में काम करते हैं या भीख मांगते हैं. नट जाति के लोग एससी समुदाय में आते हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशांत ने सियाना के सरकारी स्कूल से 12 वीं की थी. इसके बाद वो अपने बड़े भाई मूलचंद के साथ टैक्सी बिजनेस में काम करने नोएडा के कसाना चला गया.
प्रशांत और उसकी पत्नी सोनम की तीन लड़कियां हैं. उनके पिता की तबीयत खराब थी तो वे सभी कुछ महीने पहले गांव वापस आ गए थे. सतवीर सिंह ने बताया कि पिता की तबीयत बार-बार खराब होने के चलते तीन-चार महीने से प्रशांत गांव में ही था.
प्रशांत नोएडा में अपने बड़े भाई के साथ कैब चलाया करता था. काजल ने बताया, 'वो ओला के लिए काम करता था. कई बार टैक्सी भी गांव लाता था. इस बार वो बिना टैक्सी के आया, उसने कहा कि उसका एक्सीडेंट हो गया था, जिसके चलते टैक्सी छोड़कर आनी पड़ी.'
प्रशांत का नाम ओरिजनल FIR में नहीं था. पुलिस का दावा है कि उनके पास प्रशांत के खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद हैं. लेकिन उसके पड़ोसियों का मानना है कि उस पर गलत इल्जाम लगाया जा रहा है.
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