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ये 10 चटपटे स्‍ट्रीट फूड, जिन्‍हें देखकर हर किसी का जी ललचाता है

इनका नाम ही मुंह में पानी लाने के लिए काफी है.

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भारत
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कौन भूल सकता है वो नुक्कड़ वाले गोलगप्पे, जिसके तीखेपन से बचपन में हमारी आंखों में आंसू आ जाया करते थे. स्कूल कैंटीन के वो स्वादिष्ट समोसे, जो हमारी जेबखर्च के घटने की सबसे बड़ी वजह थी.

कोचिंग के बाद का वो ढाबा परांठा, जो आज भी मुंह में पानी ले आए. सड़क किनारे की वो चटनी, सैंडविच और वड़ा पाव, जिसे आप चौपाटी में अपने कॉलेज स्वीटहार्ट के साथ खाया करते थे. यकीन करो, इनके नाम ही मुंह में पानी लाने के लिए काफी है.

तो ये लीजिए, मास्टरशेफ कुणाल कपूर लेकर आए हैं कुछ ऐसे ही डिलीशि‍यस डिश लिस्ट, जो आपको याद दिला देगी आपके शहर की मशहूर स्ट्रीट फूड.

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पानी पूरी

इनका नाम ही मुंह में पानी लाने के लिए काफी है.
पूरी आटे या सूजी की बनाई जा सकती है. उबले चने, बूंदी या अंकुरित सादा उबला हुआ आलू स्टफ के लिए यूज होता है. (फोटो: विकिपीडिया)

“भैया, थोड़ा मसाला कम रखना “. चाहे गांव की लड़कियां हों, चाहे छोटे शहरों के बच्चे, हर कोई पानी पूरी के स्टॅाल पर एक एक्स्ट्रा पानी पूरी मांगता दिख जाता है. पानी पूरी मुंह के अंदर जाते ही एक ‘स्वाद बम’ की तरह कमाल दिखाता है. अलग-अलग जगहों पर पूरी का पानी भी वहां के स्वाद के हिसाब से बदलता रहता है. उत्तर भारतीयों को यह मसालेदार पसंद होता है, तो गुजराती इसे मीठी चटनी के साथ पसंद करते हैं. आंध्र प्रदेश में अदरक के फ्लेवर के साथ यह पसंद किया जाता है.

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चटपटी चाट

इनका नाम ही मुंह में पानी लाने के लिए काफी है.
मास्टरशेफ कुणाल कपूर. भारत के प्रत्येक क्षेत्र में चाट के स्वाद की अपनी खासियत है. चटनी अलग अलग हो सकती हैं, मसाले भी. (फोटो: शेफ कुणाल कपूर)

आप एक भारतीय तो बिल्कुल ही नहीं हैं, अगर आपको चाट पसंद न हो तो. चाट के दीवाने कहीं भी मिल जाएंगे. पापड़ी चाट, दही भल्ला चाट, दही पूरी, कटोरी चाट , समोसा चाट, भेलपुरी चाट, सेव पूरी. इसके अलग अलग वेरायटी का तो कहना ही क्या!

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भजिया और पकोड़े

इनका नाम ही मुंह में पानी लाने के लिए काफी है.
(फोटो: indiaopines)

गर्म पकोड़े और चाय के साथ बैकग्राउंड में आपका फेवरेट गाना.. मौसम की पहली बारिश के जश्न का भरपूर मजा तो ऐसे ही आ सकता है. शुद्ध और सदाबहार मजा !

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काठी रोल्स/ फ्रैंकीज

इनका नाम ही मुंह में पानी लाने के लिए काफी है.
(फोटो: विकिपीडिया)

कोलकाता का काठी रोल, जहां आसानी से झटपट स्वाद लेने के लिए इसे बनाना शुरू किया गया था. कबाब और चटनी के साथ परांठे या रुमाली रोटी का ये रोल उत्तर भारतीय शहरों में खूब पसंद किया जाता है. फ्रेंकी शब्द मुंबई में काठी रोल के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है. खैर, चाहे मुंबई हो या कोलकाता, काठी रोल कहो या फ्रेंकी. इस स्वादिष्ट डिश को हर बार मैं खाना चाहूंगा.

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वड़ा पाव

इनका नाम ही मुंह में पानी लाने के लिए काफी है.
(फोटो: विकिपीडिया)

अगर नहीं जानते कि ये वड़ा पाव क्या है, तो आप निश्चित ही मंगल ग्रह से उतरे हो. यह मुंबई की लाइफ लाइन है और मुंबइया जनता को तो ये यकीन है कि वो इस सरसों, लहसुन और मिर्च के साथ बेसन के घोल में लिपटे तले हुऐ आलू के बिना नहीं रह सकते हैं. एक पाव के अंदर वड़े को डाल, साथ में चटनी और ऊपर से सूखी मिर्च लहसुन का कोट...वाह! हरी मिर्च के साथ एक एक बाइट लाजवाब है.

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मोमोज

इनका नाम ही मुंह में पानी लाने के लिए काफी है.
(फोटो: द क्विंट)

हिमालय की पहाड़ियों, नेपाल और तिब्बत से आया भाप से भरा, मसालेदार लाल गर्म चटनी में डूबा हुआ मोमोज. भारत में हर मेट्रो की गलियों में सबसे लोकप्रिय नाश्ते में से एक बन गया है.

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छोले कुल्चे

इनका नाम ही मुंह में पानी लाने के लिए काफी है.
(फोटो: Veg Recipes Of India)

अगर आप कभी भी दिल्ली में रुके हों या दौरा किया हो, तो निश्चित ही आपको सड़कों पर छोले कुल्चे वाले दिखे होंगे. छोले की यह वेरायटी पंजाबी छोले भटूरे से अलग है. यह मूल रूप से उबला हुआ मटर होता है, जिसे सूखे प्याज, टमाटर, धनिया, आमचूर , मिर्च और इमली के साथ मिलाकर बनाया जाता है. कुल्चे को आटे से बनाया जाता है. हालांकि अफसोस की बात है कि छोले कुल्चे अब उतने लोकप्रिय नहीं है. यूथ्स अब मैकडॉनल्ड्स की तरफ ज्यादा आकर्षित होने लगे हैं.

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सैंडविच

इनका नाम ही मुंह में पानी लाने के लिए काफी है.
(फोटो: YouTube/VahChef)

पनीर सैंडविच या वेज मसाला सैंडविच मुंबई में राह चलते, आपके बगल में कहीं भी ये बिकते दिख जाएंगे. अखबार में लिपटे सैंडविच को आप आसानी से राह चलते खा सकते हैं.

एक जमाने में ब्रिटिशों को यह चाय के दौरान महंगे चाइना डिशेज में परोसा जाता था. ग्रिल्ड और मक्खन के साथ यह मामूली सा टोस्ट लगता है, लेकिन मैं एक सैंडविच दुकान के मालिक को जानता हूं, जो शहर में सिर्फ अपने टेस्टी सैंडविचेज बेचकर एक करोड़पति बन गया. मानो या न मानो वह अब अपनी दुकान मर्सिडीज में आता है.

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इडली/डोसा

इनका नाम ही मुंह में पानी लाने के लिए काफी है.
(फोटो: विकिपीडिया)

इडली और डोसा, सिंपल हेल्दी और टेस्टी. दक्षिण के लोगों की खुशी. अब तक याद है मुझे अपने होमटाउन का वो डोसा प्लेस. उस नए डोसा प्लेस में मुझे दो मीटर लंबा पेपर डोसा परोसा गया था. कम से कम यह मुझे हमेशा याद रहेगा. मैं अभी भी उस के खौफ में हूं.

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माखन मलाई

इनका नाम ही मुंह में पानी लाने के लिए काफी है.
लखनऊ की माखन मलाई.

लखनऊ की यह मिठाई मुंह में आते ही पिघल जाती है. यह सर्दियों के लिए तैयार की गई एक सीजनल मिठाई है. मक्खन और मलाई से यह भारी लग सकता है, लेकिन मुझ पर भरोसा कर सकते हैं. यह काफी लाइट और डिलाइट डिश है. इसे खाने के लिए सर्दियों में यात्रा की जा सकती है. और हां, वहां टुंडे कबाब भी हैं.

( मास्टरशेफ कुणाल कपूर भारतीय सेलिब्रिटी शेफ और रेस्तरां के मालिक हैं. शो मास्टरशेफ इंडिया के होस्ट के तौर पर इन्हें पहचाना जाता है. कई टीवी सीरीज में जज की भूमिका में वह लोगों के बीच ‘भारत में सबसे अच्छे शेफ‘ के तौर पर मशहूर हैं.)

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