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इसरो का बड़ा मिशन,स्पेस में कदम रखेंगी भारतीय महिलाएं 

पहली बार पुरुषों के साथ महिलाएं भी जाएंगी अंतरिक्ष में 

Published
भारत
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अंतरिक्ष में मानव को ले जाने वाले इसरो के पहले मिशन गगनयान में महिला अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हो सकती हैं. इसरो चीफ के सिवन ने बेंगलुरू स्थित इसरो हेडक्वार्टर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 2019 में इसरो गगनयान और जीसैट 20 सेटेलाइट लांच जैसे मिशन को अंजाम देगा.

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इस साल भारत 32 लांच अभियान लांच करने की तैयारी कर रहा है. उन्होंने कहा गगनयान मिशन को मंजूरी मिलना इसरो के लिए टर्निंग प्वाइंट है. सिवन ने कहा कि पहला मानव रहित अंतरिक्षयान गगनयान दिसंबर 2020 में लांच किया जाएगा. और मानव सहित अंतरिक्ष यान गगनयान मिशन इसके अगले साल यानी दिसंबर 2021 में लांच होगा.

सिवन ने कहा कि गगनयान मिशन के लिए शुरुआती ट्रेनिंग भारत में होगी. बाद में एडवांस ट्रेनिंग रूस में हो सकती है. टीम में महिला अंतरिक्ष यात्री भी होंगी. यह इसरो के इस मिशन का लक्ष्य होगा
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सिवन के मुताबिक भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान-2 को इस साल अप्रैल मध्य में लांच किया जाएगा. इस मिशन पर लगभग 800 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. यह चंद्रयान-1 मिशन का एडवांस वर्जन है और इसकी अवधि दस साल के लिए है.

इसरो चीफ ने अंतरिक्ष यात्रियों को ट्रेनिंग देने के लिए ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर भी खोलने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इसरो रीयूजेबेल लांच व्हीकल का भी प्रदर्शन करेगा. नई टेक्नोलॉजी एसएलएलवी यानों में इस्तेमाल की जाएगी. इसे ऑपरेट करने के लिए सिर्फ छह लोगों की जरूरत होती है और दुनिया की सबसे हल्का लांच व्हीकल है.

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आपको बता दें चीन का अंतरिक्षयान चांगी 4 और भारत का चंद्रयान-2 दोनों ही पहले चांद की सतह पर उतरना चाहते थे. चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग इससे पहले साल 2017 और फिर 2018 में टल चुकी है. जिसके चलते इसरो इसे हर हाल में लॉन्च करने की तैयारी में है. चांगी 4 जनवरी को योजना के अनुसार कक्षा में पहुंच गया था.

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