महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर के विख्यात मंदिर में महिलाओं को पूजा करने से रोके जाने का मुद्दा अभी और उबल सकता है. दरअसल, महिलाओं की मांग के समर्थन में अब साधु-संत भी उतर पड़े हैं.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि चाहे वह पुरुष हो या महिला, किसी भी मंदिर में प्रवेश करना उसका अधिकार है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को किसी भी मंदिर में जाने की इजाजत जरूर मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा,
मैं मानता हूं कि महिलाओं को मंदिर के भीतर जाने से रोका जाना गलत है.
अब सीएम सुलझाएंगे मंदिर विवाद
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़नवीस भी शनि शिंगणापुर मंदिर विवाद को सुलझाने के लिए आगे आ गए हैं. उन्होंने मंगलवार को मंदिर के पास जाने की कोशिश कर रही सैकड़ों महिलाओं को रोके जाने पर अहमदनगर के डीएम को तलब किया है. वे इस मुद्दे से जुड़े सभी पक्षों से बात करना चाहते हैं.
महिलाओं की मुहिम को पुलिस ने किया नाकाम
गौरतलब है कि मंगलवार को शनि शिंगणापुर मंदिर जा रही महिलाओं के बड़े ग्रुप को पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया था. महिलाएं मंदिर की ओर जाने की कोशिश करती रहीं, लेकिन प्रशासन ने इस मुहिम को सख्ती से नाकाम कर दिया.
महिलाओं की इस मांग को लेकर इलाके में तनाव बना हुआ है. मंदिर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. दरअसल, इस मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है, जबकि कुछ महिलाएं इस पुरानी परंपरा को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं.
महिलाओं के अधिकार और परंपरा के बीच टकराव!
‘भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड’ (BRB) नाम की संस्था का मानना है कि महिलाओं को भी मंदिर के भीतर प्रवेश का अधिकार मिलना चाहिए, क्योंकि देश का संविधान पुरुषों और महिलाओं को बराबर अधिकार देता है.
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