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IAF को अरुणाचल में मिला लापता AN-32 विमान का मलबा,पहली तस्वीर जारी

अरुणाचल प्रदेश के लिपो में एयरफोर्स को लापता AN-32 विमान का मलबा मिला है.

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इंडियन एयरफोर्स ने मंगलवार को लापता एयरक्राफ्ट AN-32 के मलबे का पता लगा लिया. ये एयरक्राफ्ट 3 जून से लापता था, इसमें 13 लोग सवार थे. इंडियन एयरफोर्स के प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने कहा,

खोज के विस्तृत क्षेत्र में एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने 12,000 फुट की अनुमानित ऊंचाई पर लापता एएन-32 के मलबे को लिपो में देखा है.

सिंह ने कहा, "हमारी अगली कोशिश है कि हम मलबे वाली जगह पर जाएं और टेल नंबर के-2752 वाले दुर्घटनाग्रस्त विमान के ब्लैक बॉक्स और सीवीआर की खोज करें."

एयरफोर्स ने मलबे की पहली तस्वीर भी जारी कर दी है-

अरुणाचल प्रदेश के लिपो में एयरफोर्स को लापता AN-32 विमान का मलबा मिला है.
(फोटो: ANI)
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पूर्वी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल आर.डी. माथुर खोज और बचाव कार्यो की निगरानी कर रहे हैं. एयरफोर्स ने 8 जून को लापता विमान के स्थान का पता या इससे संबंधित जानकारी देने के लिए पांच लाख रुपये इनाम की घोषणा की थी.

एयरक्राफ्ट का पता लगाने के लिए एमआई-17 हेलीकॉप्टर, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर, एसयू-30 एमकेआई, सी130 और आर्मी यूएवी को सेवा में लगाया गया था. इंडियन नेवी के लॉन्ग रेंज मैरीटाइम टोही विमान पी-8आई और सैटेलाइट्स का भी लापता विमान को खोजने के लिए उपयोग किया गया.

3 जून से लापता है AN-32

AN-32 ने अरुणाचल प्रदेश के शि-योमि जिले के मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए 3 जून को दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर असम के जोरहाट से उड़ान भरी थी. जमीनी नियंत्रण कक्ष के साथ विमान का संपर्क दोपहर एक बजे टूट गया. विमान में कुल 13 लोग सवार थे.

बता दें कि AN-32 दसवां एयरक्राफ्ट है, जिसे एयरफोर्स ने खो दिया है. इस साल भारतीय वायुसेना के एयरक्राफ्ट के दुर्घटनाग्रस्त होने की पहली घटना 28 जनवरी को हुई थी जब भारतीय वायुसेना का जगुआर फाइटर जेट उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. हालांकि, फाइटर जेट का पायलट इस दुर्घटना में सुरक्षित बच गया था.

इसके बाद एयरक्राफ्ट के दुर्घटनाग्रस्त होने की दूसरी घटना 1 फरवरी को हुई. मिराज 2000 फाइटर जेट बेंगलुरु के हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड एयरपोर्ट से उड़ान भरने के दौरान ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में भारतीय वायुसेना के 2 पायलट स्क्वॉड्रन लीडर समीर अबरोल और सिद्धार्थ नेगी शहीद हो गए.

इस घटना के ठीक 11 दिन बाद 12 फरवरी को एक मिग-27, पोखरण फायरिंग रेंज में क्रैश हो गया. हालांकि, इस हादसे में पायलट सुरक्षित बच निकले. लेकिन इस घटना के 8 दिन के अंदर ही 2 सूर्य किरण एयरक्राफ्ट हवा में आपस में ही टकरा गए.

दोनों विमान बेंगलुरु के एयरो इंडिया शो के लिए रिहर्सल कर रहे थे. इस हादसे में एक पायलट की मौत हो गई जबकि 2 पायलट गंभीर रूप से घायल हो गए.

बालाकोट एयरस्ट्राइक के एक दिन बाद ही जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति चल रही थी. 27 फरवरी को कश्मीर के बडगाम में एक एमआई-17 v5 चॉपर हवा में था. इसी दौरान संभवतः इंडियन मिसाइल ने ही गलती से एमआई-17 पर निशाना साध दिया. इस हादसे में भारतीय वायुसेना के 6 जवान शहीद हो गए, एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गई. इस मामले की अंतिम रिपोर्ट आनी अभी बाकी है. हालांकि, एमआई-17 क्रैश की खबर उसी दिन पाकिस्तान में बंधक बनाए गए विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की खबरों में दब गई.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभिनंदन वर्तमान ने हवाई लड़ाई में भारतीय वायुसेना के मिग-21 से पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया था लेकिन इस हवाई लड़ाई के दौरान भारतीय वायुसेना का मिग-21 बाइसन भी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसके बाद अभिनंदन को इमरजेंसी इजेक्ट करना पड़ा था.

मार्च महीने में भारतीय वायुसेना के 2 और एयरक्राफ्ट दुर्घटनाग्रस्त हुए. 8 मार्च को पक्षी से टकरा जाने की वजह से मिग-21 बाइसन राजस्थान के बीकानेर में क्रैश हुआ और 31 मार्च को मिग-27 यूपीजी राजस्थान के सिरोही में क्रैश हुआ. सौभाग्य से इन दोनों ही हादसों में किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ!

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